भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वासपात्र भाजपा नेताओं की लिस्ट में पहले पन्ने पद दर्ज कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष डॉ. हितेष वाजपेयी भी GST से नाराज हैं। उन्होंने अपनी बात पार्टी फोरम के बजाए सोशल मीडिया पर पब्लिक की है। वाजपेयी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वो उन मुद्दों पर भी भाजपा के पक्ष में तर्क प्रस्तुत करते हैं जबकि दूसरे दिग्गज चुप हो जाते हैं लेकिन जब बात अपने व्यवसाय की आई तो उन्हे भी मोदी सरकार की नीतियों में खामियां नजर आ ही गईं। उनका कहना है कि गायों के इलाज के लिए बनाई जाने वाली दवाओं एवं गौशालाओं के उपकरण पर GST का निर्धारण गलत किया गया है। इसे संशोधित किया जाना चाहिए।
फेसबुक पर डॉ. हितेष वाजपेयी ने लिखा है 'मैं एक डेरी संचालक भी हूँ और इस तरीके से इस व्यवसाय से जुड़े किसानों की चुनौतियों की तरफ GST की वजह से निम्न दिक्कतें पैदा हुई हैं जो आपके अवलोकनार्थ रख रहा हूँ।
१) गायों के इलाज के लिए दवाओं पर GST निम्नतम अथवा शून्य होना चाहिए जो कि अभी 18 प्रतिशत है जो कि इस समुदाय पर अतिरिक्त आर्थिक भार है।
२) गौशाला में इस्तेमाल हो रहे उपकरणों पर GST पहले की कर व्यवस्था में 6 प्रतिशत तक थी जो बढ़कर 28 प्रतिशत तक हो गयी है जो अत्यधिक है जैसे कि COW MATS (RUBBER) पर।
३) "गायों के दूध उत्पादन" को इनकम टैक्स से "मुक्त" होना चाहिए जो कि अभी टैक्स के दायरे में आता है। जिससे कि न केवल हम गाय को अन्य दुधारू पशुओं से न केवल प्रथक कर पायेंगे अपितु उनके संरक्षण को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
बता दें कि कई वर्गों में GST को लेकर नाराजगी है। इसके कारण अलग अलग हैं परंतु यह जल्दबाजी में बिना अध्ययन के लागू कर दिया टैक्स प्रतीत हो रहा है। छोटे व्यापारी GST के कई बार रिटर्न फाइलिंग से परेशान हैं। उनका कहना है कि उनके पास सीए की महंगी फीस देने के लिए पैसे नहीं हैं। विरोध का एक बड़ा कारण यह है कि बिना व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रखे GST मामले में व्यापारियों पर जुर्माने के नियम लागू हो चुके हैं।