भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा 14 साल से सत्ता में है। संगठन में पदों के लिए मारा मारी चल रही है। हालात यह है कि बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के लिए भी सिफारिशें लगीं और बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के दुर्बद्धी पदाधिकारियों ने अपनी नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करवाए, स्वास्थ्य सत्कार करवाया। ऐसे संगठन में पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति को पदाधिकारी बना दिया जिसकी मृत्यु 2016 में हो चुकी है। मजेदार तो यह है कि उसे कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने का जिम्मा सौंपा गया है।
आगे बढ़ने से पहले याद दिला दें कि इसी साल एक भाजपा पदाधिकारी को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि अब किसी भी व्यक्ति को पदाधिकारी बनाए जाने से पहले उसकी पूरी छानबीन की जाएगी लेकिन इस मामले ने नंदू की इंटरनल बिजिलेंस पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय ने पिछले दिनों जिला स्तरीय पार्टी पदाधिकारियों की सूची जारी की है। सूची में जिस नेता को जबलपुर ग्रामीण का प्रशिक्षण विभाग का जिला संयोजक नियुक्त किया गया है, उसका एक साल पहले निधन हो चुका है। दो पेज में जारी विभाग के जिला संयोजकों की सूची पर नजर डाले तो 22वें नम्बर पर हरिशंकर व्यास को जबलपुर ग्रामीण का जिला संयोजक बनाया गया है, जबकि हरिशंकर व्यास का 14 दिसम्बर 2016 को निधन हो चुका है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने इस मामले में बेतुकी दलील दी है। कहते हैं कम्प्यूटर डाटा में सुधार नहीं होने और कट, कॉपी, पेस्ट की आदत के चलते यह भूल हुई है। भविष्य में ऐसा ना हो, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सवाल यह है कि जिस भाजपा में छोटे छोटे पदों के लिए गुटबाजी सामने आ रही है, घूस के बदले पद बांटे जाने के आरोप लग रहे हैं। उस भाजपा में ये कैसा कट, कॉपी, पेस्ट।