दुर्गेश रायकवार/संदीप कपूर/भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में स्थायी पेयजल स्त्रोत उपलब्ध करवाने के लिए ड्रिकिंग वॉटर (पेयजल सुविधा) योजना को मंजूरी दी गई। इसके लिए वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक 44 करोड़ 65 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई।
स्कूल शिक्षा के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
मंत्रि-परिषद ने 30 वर्ष की निरंतर सेवा के बाद सहायक शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्न्त वेतनमान ग्रेड-पे 4200 तथा शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान ग्रेड-पे 6600 देने का निर्णय लिया। यह व्यवस्था 1 जुलाई 2014 से प्रभावशील रहेगी। इस निर्णय से लगभग 30 हजार शिक्षक लाभान्वित होंगे। राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों को सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नत योजना लागू करने की नीति के तहत मंत्रि-परिषद ने यह निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में सभी शासकीय शालाओं में कक्षा एक से आठ में अध्ययनरत बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें प्रदाय योजना में तीन वर्ष 2017-18 से 2019-20 में 38 करोड़ 50 लाख रुपए की मंजूरी दी।
मंत्रि-परिषद ने बालिका छात्रावासों की सुरक्षा योजना में शिक्षक आवास गृह कक्ष निर्माण कार्यक्रम में वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक 24 करोड़ 96 लाख रुपए व्यय करने की मंजूरी दी।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में लगभग 45 लाख अनारक्षित एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीबी रेखा के ऊपर के बालकों के लिए नि:शुल्क गणवेश प्रदाय योजना के तहत आगामी तीन वर्ष 2017-18 से 2019-20 में 180 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गयी।
मंत्रि-परिषद ने साक्षर भारत योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2017 -18 से 2019-20 के लिए 205 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक सहमति दी।
दो सिंचाई योजना के लिए 2032 करोड़ से अधिक की राशि
मंत्रि-परिषद ने गोंड वृहद सिंचाई परियोजना के लिए 1097 करोड़ 67 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इस परियोजना से सिंगरौली के 82 ग्राम का 18080 हेक्टेयर और सीधी जिले के 65 ग्रामों का 9920 हेक्टेयर कुल 28 हजार हेक्टेयर क्षेत्र रबी एवं 6500 हेक्टेयर क्षेत्र खरीफ सिंचाई से लाभान्वित होगा। परियोजना से जिला सिंगरौली के देवसर विकासखंड के 178 ग्राम और सीधी जिले के मझौली विकासखंड के 40 ग्राम कुल 218 ग्राम की लगभग 3 लाख 13 हजार आबादी को पेयजल प्रदाय किया जा सकेगा।
मंत्रि-परिषद ने बरगी व्यपवर्तन परियोजना की कमांड क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन योजना की राशि 935 करोड़ एक लाख रुपए की स्वीकृति दी। परियोजना की वार्षिक सिंचाई क्षमता 3 लाख 76 हजार 515 हेक्टेयर है। परियोजना से जबलपुर जिले के 438 ग्राम, कटनी जिले के 127 ग्राम, सतना जिले के 855 ग्राम एवं रीवा जिले के 30 ग्राम इस तरह कुल 1450 ग्राम लाभान्वित होंगे।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि में संशोधन
मंत्रि-परिषद ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/डीआईआर राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि 2008 में संशोधन करने का निर्णय लिया। संशोधन अनुसार ऐसे व्यक्ति जो मीसा/डीआईआर के अधीन राजनैतिक या सामाजिक कारणों से एक माह से कम कालावधि के लिए निरुद्ध रहे हों उन्हें 8000 रुपए प्रतिमाह तथा ऐसे व्यक्ति जो एक माह या एक माह से अधिक की कालावधि के लिए निरुद्ध रहे हों, उन्हें 25 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से सम्मान निधि की पात्रता होगी।
इन नियमों के मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन होने की दिनांक से 30 नवंबर 2017 तक ऐसे पात्र व्यक्ति जो मीसा/डीआईआर के अधीन राजनैतिक या सामाजिक कारणों से एक माह से कम कालावधि के लिए निरुद्ध रहे हों, को आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र के विस्तार के लिए 994 करोड़ से अधिक की राशि
मंत्रि-परिषद ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में अस्पताल और औषधालयों के भवन निर्माण एवं उन्नयन संबंधी योजना 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर रखने की सैद्धांतिक सहमति दी। इसके लिए 994 करोड़ 39 लाख रुपए का अनुमोदन दिया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में 410 करोड़ रुपए की स्वीकृति आगामी तीन वर्ष के लिए दी गयी। इसमें 16 ग्रामीण भवन विहीन स्वास्थ्य संस्था, 47 जीर्ण-शीर्ण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 88 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन और 7 स्वास्थ्य संस्थाओं में सुविधाओं का उन्नयन किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 30 स्थान पर पोस्टमार्टम भवन, 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 13 उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन भी बनाये जायेंगे।
शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं भवन उन्नयन के लिए 583 करोड़ 55 लाख रुपए की मंजूरी दी गई। इसमें 32 जिला चिकित्सालय एवं सिविल अस्पताल के भवन निर्माण/उन्नयन, 14 जिला अस्पतालों में मॉडयुलर ओटी, 112 जिला चिकित्सालय एवं सिविल अस्पताल में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 15 जिला चिकित्सालयों के लेबर रूम को वातानुकूल कर उन्नयन और 31 जिला अस्पताल में निर्बाध बिजली सप्लाई के लिए हाईटेंशन कनेक्शन के कार्य होंगे।
मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में दो नए प्रावधान
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने के लिए लागू 'मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना' में दो नए प्रावधान शामिल करने का निर्णय लिया। नए प्रावधान लागू होने से संयुक्त आवेदन करने पर एक ही अधोसंरचना के कनेक्शन दिए जाने की स्थिति में, 25 केव्हीए क्षमता के ट्रांसफार्मर के लिए संयुक्त आवेदित 20 हार्स पावर तक के भार के लिए, अधिकतम तीन किसानों को अलग-अलग अंश राशि देने की आवश्यकता नहीं होगी। अधिकतम क्षमता के आवेदन के आधार पर देय राशि इन आवेदकों के मध्य उनकी पंप की क्षमता के आधार पर अनुपातिक रूप से विभाजित हो जायेगी। इससे आवेदकों को कम अंश राशि के भुगतान पर स्थायी कनेक्शन प्राप्त होगा।
अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन का आवेदन करने वाले किसानों के लिए भी नया प्रावधान शामिल करते हुए उन्हें यह विकल्प दिया गया है कि यदि वे चाहें तो अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन के स्थान पर इस योजना में निर्धारित अंश राशि एकमुश्त जमा कर फ्लेट रेट पर बिजली प्राप्त कर सकते हैं। अंश राशि जमा करने पर किसान को अस्थायी पंप कनेक्शन के लिए एनर्जी चार्ज आदि की राशि नहीं देना होगी। उक्त कनेक्शन पर स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के समान किसान को फ्लेट रेट पर बिजली प्राप्त होगी। साथ ही फ्लेट रेट के प्रथम छमाही बिल का भुगतान भी अगले चक्र में करना होगा। इन प्रावधानों का लाभ लेकर किसान 5 हार्स पावर के पंप के लिए फ्लेट रेट पर 7000 रुपए प्रति हार्स पावर की दर से पूरे वर्ष के लिए बिजली प्राप्त कर सकेगा, जबकि उसे अस्थायी कृषि पंप कनेक्शन के लिए मात्र 3 महीने के लिए 13 हजार रुपए से अधिक की राशि का भुगतान करना होता है। इन कनेक्शनों की अधोसंरचना को अधिकतम छ: माह में स्थायी करने का दायित्व वितरण कंपनी का होगा।
इन प्रावधानों के लागू होने से और अधिक किसान 'मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना' में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे।