भोपाल। यूं तो देश में वीआईपी कल्चर खत्म हो गया है परंतु मंत्रियों का प्रभाव तो फिर भी रहता ही है। पिछले दिनों मप्र के एक सांसद ने वीआईपी सीट ना मिलने पर फ्लाइट रुकवा दी थी तो दूसरी तरफ हालत यह है कि मप्र की पीएचई मंत्री कुसुम महदेले को रेल अटेंडर्स धुला हुआ कंबल और अच्छा तकिया तक नहीं देते। इससे पहले एक बार मंत्री कुसुम महदेले को मप्र के सरकारी रेस्ट हाउस में मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती तक नहीं दी गई थी। प्रशासन ने जो कमरा उन्हे अलाट किया था उसका एसी खराब था। इंवर्टर भी नहीं था और बिजली तो गुल होनी ही थी। वो रात भी मंत्री कुसुम महदेले तमतमाते हुए काटी थी। इत्तेफाक देखिए कि देश में भाजपा राज कायम है। भाजपा के अदने से नेताओं तक को वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है, वहीं महिला मंत्री को बार बार अपमानित होना पड़ता है।
28 अगस्त को रेवांचल एक्सप्रेस में उनके साथ जो कुछ हुआ। उसके कारण वो बौखला उठीं। अपनी ही सरकार पर हमलावर हो गईं। कुसुम महदेले ने रेल मंत्री को ट्वीट कर ट्रेन की खराब हालत के बारे में बताया। उन्होंने ट्वीट पर लिखा कि रेवांचल एक्सप्रेस की फर्स्ट एसी में कंबल बदबूदार बांटा जा रहा है। टॉयलेट पेपर नहीं है। तकिए किसी काम के नहीं हैं। क्या रेलवे विभाग मुसाफिरों की चिंता नहीं करता? सिर्फ रेवांचल ही नहीं, भोपाल से खजुराहो चलने वाली महामना एक्सप्रेस में बैठने की खराब व्यवस्था को लेकर भी उन्होंने रेल मंत्री और रेल मंत्रालय से शिकायत की। महदेले के इस ट्वीट पर रेल मंत्रालय की तरफ से उनके पीएनआर की जानकारी भी मांगी गई।
शिवपुरी के सर्किट हाउस में मच्छरों से जूझना पड़ा था
घटना मई 2015 की है। भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं शिवराज सिंह कैबिनेट की मंत्री कुसुम महदेले शिवपुरी जिले की प्रभारी मंत्री थीं। मई 15 में जब वो आधिकारिक दौरे पर गईं तो उन्हे सर्किट हाउस में जो कमरा दिया गया। उसका एसी खराब था। जैसे तैसे वो पंखे में एडजस्ट कर रहीं थीं तभी लाइट चली गई। मच्छरों ने महिला मंत्री पर हमला बोल दिया। सेवा प्रदाता ने उन्हे एक अदद मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती तक नहीं दी। तमतमाई मंत्री ने कलेक्टर को फटकार लगाई तो गुस्साए कलेक्टर ने रात 2 बजे पीडब्ल्यूडी के 2 सब इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया। बिजली कंपनी को कारण बताओ नोटिस भर जारी किया गया।