भोपाल। शिक्षक दिवस के रोज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि आने वाली संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शासकीय स्कूलों में पढ़ा रहे अनुभवी अतिथि शिक्षकों को 25 प्रतिशत कोटा दिया जाएगा। सीएम की इस घोषणा से अतिथि शिक्षक तो संतुष्ट नहीं हुए उल्टा प्राइवेट टीचर्स नाराज हो गए। एडवोकेट शैलेन्द्र गुप्ता कहना है कि यह प्राइवेट टीचर्स के साथ अन्यायपूर्ण कदम है। सरकार ने यदि अतिथि शिक्षकों को कोटा दिया तो प्राइवेट टीचर्स को भी देना होगा।
बता दें कि राजधानी भोपाल में शिक्षक दिवस के अवसर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षकों का सम्मान किया। राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह राजधानी के मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल टीटी नगर में आयोजित किया गया है। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह ने ऐलान किया कि अतिथि शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा। संविदा शिक्षक भर्ती में उन्हे 25 प्रतिशत कोटा दिया जाएगा। अतिथि शिक्षकों ने सीएम शिवराज सिंह के इस गिफ्ट को लेने से इंकार कर दिया एवं राजधानी में आकर 2 दिन तक धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने अल्टीमेटम दिया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो परिवार सहित जल सत्याग्रह करेंगे।
दूसरी तरफ यह मामला और उलझ गया है। एडवोकेट शैलेन्द्र गुप्ता 70007 57422 का कहना है कि यह प्राइवेट टीचर्स के साथ अन्यायपूर्ण कदम है और इसे सहन नहीं किया जाएगा। एडवोकेट गुप्ता ने कहा कि जिस तरह अतिथि शिक्षक शासकीय विद्यालयों में छात्रों को पढ़ा रहे हैं। उसी तरह प्राइवेट टीचर्स भी पढ़ा रहे हैं। निर्धारित अहर्ताएं उनके लिए भी बीएड/डीएड हैं और इनके लिए भी हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में भी निर्धन बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। अत: केवल इसलिए उन्हे दरकिनार नहीं किया जा सकता, क्योंकि वो प्राइवेट स्कूल के कर्मचारी हैं। श्रम कानूनों के तहत अतिथि कर्मचारी वो भी हैं और ये भी हैं। शासन की योजनाओं और नीतियों पर दोनों का बराबर का अधिकार है।
श्री गुप्ता ने कहा कि इस मामले को पूरी ताकत के साथ उठाया जाएगा। प्राइवेट स्कूट टीचर्स को एकजुट किया जा रहा है। जल्द ही प्राइवेट स्कूट टीचर्स भी अपने अधिकारों को छीनने के लिए सड़कों पर आ जाएंगे। सरकार कीं नींद तोड़ दी जाएगी। उसे समझना होगा कि हम सब नागरिक हैं। सबका मध्यप्रदेश पर समान अधिकार है।