छिंदवाड़ा। अध्यापक संघर्ष समिति के प्रांतीय अधिवेशन में में छिंदवाड़ा सांसद एवं कांग्रेस की ओर से सीएम कैंडिडेट के दावेदार कमलनाथ ने वादा किया है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही अध्यापकों को उनके सारे अधिकार दे दिए जाएंगे। इससे पहले सीएम कैंडिडेट के दूसरे दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया भी ऐसा ही वादा कर चुके हैं। अध्यापकों की मांगों का समर्थन करने के लिए कांग्रेस में अब केवल दिग्विजय सिंह ही शेष रह गए हैं।
अध्यापक संघर्ष समिति ने कमलनाथ की बात सुनने के लिए ही अपना प्रांतीय अधिवेशन छिंदवाड़ा में आयोजित किया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को अध्यापकों का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आने पर अध्यापकों को उनके अधिकार मिलेगें। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी और स्व. राजीव गांधी ने गांव गांव में शिक्षा की अलख जगाने के लिये स्कूल खुलवाये। परंतु वर्तमान में प्रदेश व देश की सत्ता में काबिज भाजपा की सरकारें स्कूल बंद करवा रही है।
भाजपा सूत्रों का दावा था कि छिंदवाड़ा जैसे दूरस्थ इलाके में अध्यापकों की प्रभावी उपस्थिति नहीं होगी और यह सम्मेलन फेल हो जाएगा परंतु ऐसा नही हुआ। सम्मेलन में अध्यापकों ने दमदार प्रदर्शन किया। बता दें कि मध्यप्रदेश में अध्यापक 6वां वेतनमान और संविलियन की मांग कर रहे हैं। 2003 में विधानसभा चुनाव से पहले उमा भारती ने वादा किया था कि कांग्रेस ने उनके साथ अन्याय किया है परंतु भाजपा उनके साथ न्याय करेगी। सीएम शिवराज सिंह ने भी इसे कई बार दोहराया। अध्यापकों को उनके अधिकार भी दिए गए परंतु किश्तों में। लुकाछिपी का खेल 14 साल से जारी है।