
आम आदमी पार्टी अब शांत रहते हुए अन्य राज्यों में अपने विस्तार के बारे में संजीदगी से सोच रही है। 'आप' ने तय किया है कि 2019 के पहले 2018 में होने वाले कई राज्यों के चुनाव में पार्टी विस्तार के लिए काम किया जा सकता है। इसी को ध्यान रखते हुए आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक एक साल पहले एक विशाल रैली और जनसभा के साथ चुनावी शंखनाद करने जा रही है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी पर भी काम चल रहा है।
बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने के निर्देश
इस सिलसिले में पिछले दिनों आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों और सभी सचिवों की प्रदेश प्रभारी गोपाल राय और अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक भी हो चुकी है। इस बैठक में मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों को बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में मध्यप्रदेश के वर्तमान स्थिति पर भी की गई समीक्षा
मध्यप्रदेश के आगामी विधान सभा चुनावो की तैयारी और रणनीति को लेकर 'आप' पार्टी मध्यप्रदेश के प्रमुख पदाधिकारियों ने अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय, आशुतोष, संजय सिंह, पंकज गुप्ता समेत तमाम राष्ट्रीय नेताओ से बैठक की और विभिन्न बिन्दुओ पर चर्चा की गई। बैठक में मध्यप्रदेश के वर्तमान स्थिति पर भी समीक्षा की गई। माना जा रहा है कि पूरे प्रदेश में शिवराज सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है और कांग्रेस को उनकी आपसी फूट और पुरानी कारस्तानियों के कारण पसंद नही करते है। ऐसे में आम आदमी पार्टी की एक विकल्प है।
अरविंद केजरीवाल करेगे 5 नवंबर को चुनावी शंखनाद
आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 5 नवंबर को भोपाल से रैली कर 2018 के विधानसभा चुनाव का शंखनाद करेंगे और शिवराज सिंह चौहान को चुनौती पेश करेंगे। अरविंद केजरीवाल की रैली को लेकर प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल में कहा कि 'आप' पार्टी को जनता का भरपूर समर्थन प्रदेश के मिल रहा है और यह रैली प्रदेश ले इतिहास की विशालतम रैली होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कई दूसरी पार्टी के ईमानदार नेता हमारे संपर्क में है। जल्द ही उन सभी की पार्टी में सदस्यता करवाई जाएगी, जिससे प्रदेश का संगठन और मजबूत होगा।