भोपाल। मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग पर एक बड़ा सवाल लगा है। संदेह जताया गया है कि यहां जैन समुदाय विशेष के अभ्यर्थियों के एक समूह को कृपापूर्वक पास किया गया। बता दें कि पीएससी के परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक मदनलाल गोखरू जैन हैं। आरोप है कि मध्यप्रदेश के कई दूसरे जिलों के निवासी जैन छात्रों ने आगर मालवा स्थित एक परीक्षा केंद्र की मांग की और उन्हे वही केंद्र आवंटित किया गया। चौंकने वाली बात यह है कि इस केंद्र के सर्वेसर्वा भी जैन हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस केंद्र से परीक्षा देने वाले 80 प्रतिशत से ज्यादा जैन पास हो गए।
पीएससी अभ्यर्थी शिवनारायण बघेल ने भोपाल समाचार डॉट कॉम को ईमेल कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कुछ दस्तावेज भी भेजे हैं जो उनके संदेह को पुख्ता करते हैं। संदेह का पुख्ता आधार केवल यह है कि अभ्यर्थी से लेकर परीक्षा नियंत्रक तक सब के सब जैन, और एक ही चैनल से लगभग सभी पास हुए। ऐसा क्यों। उपलब्ध शिकायत के आधार पर मुद्दा प्रस्तुत किया जा रहा है। इस मामले में एमपीपीएससी के पक्ष के प्रतीक्षा है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा राज्य सेवा 2017 में बड़ी रहस्यमय धांधली सामने आयी है, जिसमे एक ही समुदाय विशेष के लोग सर्वाधिक एक साथ चयनित हुए हैं। सबसे अचम्भे की बात यह है कि रहस्यमय तरीके से उनके सेंटर भी एक है फिर चाहे वो लोग रहने वाले कहीं के भी हों। इसी तरीके और पेटर्न पर, इंजीनियरिंग और मेडिकल के होने वाली प्रवेश परीक्षाओं में भी बड़े पैमाने पर इस तरह के कई प्रकरण हर वर्ष समाचारों में आते हैं।
पेपर लीक होना बहुत आम हो चुका है। लोक सेवा आयोग के बारे में यह प्रचारित है कि इस तरह की आपराधिक जालसाजी आसान नहीं होती। परन्तु इस बार मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने इसे झुठला दिया और 1 नया रिकॉर्ड बनाया है। परीक्षा परिणाम संदेह के घेरे में इसलिए भी है क्योंकि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक मदनलाल गोखरू जैन हैं। अधिकतम चयनित अभ्यर्थी भी जैन हैं जिनपर संदेह जताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश सरकार पहले ही व्यापम महाघोटाले से पूरे देश में प्रसिद्द है और ये नया घोटाला कर दिया। लिखित परीक्षा के घोषित परिणामों में शुरू के पन्नों में कुछ समझ नहीं आएगा लेकिन आखिरी का पन्ना देखिए तो इसमें अगाध-अद्भुत जैन सेवा दिखती है। आखिरी के पेज में 24 में से 18, लोग जैन ही है। आश्चर्यजनक रूप से इन सारे जैन उम्मीदवारों को एक ही सेंटर अलॉट किया गया था।
“परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक मदनलाल गोखरू जैन हैं, और लिखित में पास हो गए तो फिर इंटरव्यू में कौन रोक लेगा।" मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग तो जैन लोक सेवा आयोग प्रतीत होता है। सूची फर्जी नहीं है। नीचे इसकी ऑफिसियल लिंक दी गई है। रिजल्ट अभी कल ही घोषित हुआ है।”
केन्द्र का शहर कैंडीडेट को चूज करना पड़ता है फिर आयोग उसी शहर में सेंटर अपनी मर्जी से अलॉट करता है। इन सबने अलग जिले का होते हुए भी आगर मालवा जो कि एक छोटा सा जिला है, उसे ही अपनी परीक्षा केन्द्र का शहर क्यूँ चुना? और फिर सेंटर भी एक ही अलॉट हो गया।