सीधी। मप्र सरकार ने शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षकों को ऑनलाइन प्रक्रिया के बुने हुए जाल में उलझा दिया है। जहाँ एक तरफ युक्तियुक्तकरण, आॉनलाइन अतिथि शिक्षक भर्ती, अध्यापक संवर्ग अंतर्निकाय संविलियन आदि प्रक्रियाओं का बड़ी कबायद के बाबजूद कठिनतम शर्तों के साथ फरमान तो जारी कर दिया गया किन्तु मप्र सरकार का शिक्षा पोर्टल और अतिथि शिक्षक प्रबंधन प्रणाली की वेबसाइट ने गरीब अतिथि शिक्षकों व कर्मचारियों को उलझा रखा है।
जिला अध्यक्ष रवि गुप्ता बताया कि हमारे बहुत से अतिथि शिक्षक पंजीयन ही नही करवा पाए जबकि योग्यताधारी थे। कारण सरकार की वेबसाइट "फॉन्ड नॉट एवलेवेल" बताती रही और जो किसी तरह से पंजीकृत हो गए तो सरकार के डीडीओ सत्यापन के जाल में उलझ गए। कुछ डीडीओ तो कम्प्यूटर आॉनलाइन लॉगिन का क ख ग घ भी नही जानते और जो जानते भी थे उनको पोर्टल ही यह नोटीफिकेशन देकर गुमराह कर दिया कि अब सत्यापन की प्रक्रिया फलॉ तिथि तक स्थगित हो गयी है। जबकि कहीं पर कार्य जारी भी था कहीं कहीं सरकार का पोर्टल अफबाहें फैला रहा था। आखिरकार पोर्टल समायोजन करते समय समुचित परीक्षण क्यों नही किया गया? या फिर जानबूझकर ऐसी दु:व्यवस्था बनायी गयी?
समस्याएँ बहुत हैं.. अब यदि सत्यापन प्रक्रिया आधार नं. के आधार पर करनी ही थी तो आधार नं.से संबंधित आवेदक का नाम जन्मतिथि आदि के मिलान की बाध्यता होनी चाहिए थी। ऐसे में गलत आधार डालने पर सही आधार डालने हेतु नोटीफिकेशन आता और हम सही आधार डालने पर बाध्य होते... किंतु एक या कुछ अंक बदल जाने से संयोग किसी दूसरे पंजीकृत आवेदक के आधार नं. दर्ज हो गया और सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण हो गयी।
अब दूसरा वह व्यक्ति, जिसका आधार नं. उपरोक्त व्यक्ति के दस्तावेज सत्यापन के लिए उपयोग किया जा चुका है। जब मप्र के किसी भी डीडाओ के पास सत्यापन वास्ते अपना पंजीयन फार्म ओपेन कराता है तो वरीफाई पर क्लिक करते ही एक नोटीफिकेशन दिखती है कि "This Adhar Number is allrady used" और उसकी वेरीफिकेशन प्रक्रिया बाधित हो जाती है। मतलब जहाँ नोटीफिकेशन की आवश्यकता थी वहाँ नही दिखा और ना ही उस व्यक्ति की सत्यापन प्रक्रिया बाधित हुई लेकिन जिसने अपना सही आधार दर्ज कराया उसकी बाधित हुई|
अब ऐसे में किससे दिल का दुख साझा किया जाय। जबकि कम्पयूटर सेंटर की मनमानी फीस से लेकर तमाम जगहों की यात्रा भाड़ा आदि देने के बाद भी ऐसा परिणाम सामने आ जाए। डीडीओ को आधार अंकित करते समय एक चेतावनी दिखती है कि संबन्धित व्यक्ति का आधार अच्छे से जाँच परख कर अंकित करें अन्यथा डीडीओ प्राचार्य के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सरकार प्राचार्य के ऊपर कार्यवाही करे या न करे पर ये जरूर बता दे कि जो सत्यापन उक्त आधारगत अवरोधित हुआ है, जबकि समस्त योग्यता है, वो सत्यापन कैसे हो? और उन्हें धारा से जोड़ने की क्या तैयारी है?
अब दिया मोबाइल पर कोड
अब शिक्षा विभाग द्वारा आवेदक के मोबाइल मे एक कोड भेजा जा रहा है और कहा जा रहा है दस्तावेजो के सत्यापन के लिए सत्यापन कोड का उपयोग किया जाएगा। कृपया प्राचार्य को सर्वप्रथम यह कोड दिखाए। ऐसे मे जो अतिथि शिक्षक सत्यापन करवा चुके है वो इस संशय मे है कि वे दोबारा सत्यापन करवाये या ना करवाये।
सात सितम्बर से होगा भोपाल मे आन्दोलन
अतिथि शिक्षक अब बेहद परेशान हो चुके है और अब सात सितम्बर से विशाल आंदोलन की तैयारी कर रहे है जिले के हजारों अतिथि शिक्षक शामिल होगे।