आशीष पांडे/ हैदराबाद। RAO HIGH SCHOOL HYDERABAD में 5वीं क्लास में पढ़ने वाली 11 वर्षीय छात्रा को बिना यूनिफॉर्म सिविल ड्रेस में स्कूल आ जाने के कारण ऐसी सजा दी गई कि हंगामा हो गया। प्रबंधन ने उसे लड़कों के टॉयलेट में खड़ा रहने की सजा दी। ये सजा उसकी फिजिकल एजुकेशन टीचर ने सुनाई। इस घटना के विरोध में अभिभावकों ने सोमवार को स्कूल पहुंचकर प्रदर्शन किया। तेलंगाना सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं आंध्र प्रदेश चाइल्ड राइट्स एसोसिएशन ने इस घटना को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग में इस घटना की शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत के साथ वीडियो क्लिपिंग भी भेजी
घटना शनिवार को रामचंद्रपुरम स्थित बीएचईएल के परिसर स्थित राव हाईस्कूल में हुई थी। लड़की के पिता ने चाइल्ड राइट्स एसोसिएशन को शिकायत के साथ एक वीडियो क्लिपिंग भी भेजी है। इसमें लड़की बता रही है कि उसे टीचर की दी गई सजा से किस तरह शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। लड़की के पिता के मुताबिक, लड़की शनिवार को बिना यूनिफॉर्म स्कूल गई थी। जब वो अपनी क्लास में प्रवेश कर रही थी कि उसकी फिजिकल एजुकेशन टीचर प्रियंका ने उसे रोका और यूनिफॉर्म नहीं पहन कर आने की वजह पूछी।
महिला टीचर ने दी सजा
इस पर लड़की ने कहा कि उसकी मां ने यूनिफॉर्म धोने के लिए रखी थी इसलिए उसे सादे कपड़े पहन कर आना पड़ा। ये सुनकर टीचर प्रियंका आगबबूला हो गई। प्रियंका लड़की को पहली मंजिल पर स्थित लड़कों के टॉयलेट में ले गई और वहां कुछ देर के लिए खड़ा रहने को मजबूर किया। लड़की ने बताया कि इस दौरान स्कूल में पढ़ने वाले कुछ लड़कों ने उसे देखा और हंसने लगे। ये सब देखकर उसे बहुत शर्म महसूस हुई। बाद में टीचर ने उसे क्लास में जाने दिया।
गर्व के सबको सुनाया
प्रियंका ने तीन अन्य टीचर्स को गर्व के साथ बताया कि लड़की के यूनिफॉर्म नहीं पहने होने पर उसे किस तरह सबक सिखाया। ये सुनना लड़की के लिए मानसिक प्रताड़ना से कम नहीं था। हैदराबाद स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए टीचर और स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सांगारेड्डी जिले की डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर (डीईओ) विजय कुमारी ने स्कूल का दौरा करने के बाद कहा कि हमने जांच शुरू कर दी है।
स्कूल मैनेजमेंट ने आरोपों को नकारा
डीईओ के मुताबिक स्कूल के अवैध रूप से चलने की वजह से इसे पहले बंद करने के आदेश दिए गए थे लेकिन स्कूल प्रबंधन की ओर से कोर्ट से स्टे ले आने के बाद ये स्कूल चल रहा था। डीईओ ने कहा कि जो भी आगे कार्रवाई जरूरी होगी, वह की जाएगी। हालांकि स्कूल की तरफ से कहा गया है कि सारे आरोप गलत हैं। लड़की को वॉशरूम के अंदर नहीं खड़ा किया गया था। स्कूल के मुताबिक, लड़की को वॉशरूम के साथ लगते क्लासरूम के बाहर खड़ा किया गया था।