नई दिल्ली। क्रिकेट अकेला ऐसा खेल है जिसका जन्म सभ्य समाज से हुआ है। यह अनुशासन और खेल भावना का प्रदर्शन करता है। इस खेल के नियम ही कुछ ऐसे हैं कि वह एक दूसरे से नफरत करने का अवसर ही नहीं देते परंतु पिछले कुछ सालों में यह मनोरंजन से ज्यादा प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया और कई आपत्तिजनक अनुशासनहीनता के मामले सामने आए। यही कारण है कि अब हॉकी और फुटबॉल की तरह क्रिकेट के मैदान में भी रेड कार्ड का नियम शुरू होने वाला है। नए नियम के लागू होते ही साउथ अफ्रीका और यूएई के बीच इसी सप्ताह होने जा रहे टेस्ट मैचों में गलत व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों को पहली बार रेड कार्ड के जरिए मैदान से बाहर का रास्ता दिखा दिया जा सकता है। अत: अब कोई पूछे कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में रेडकार्ड की शुरूआत कब से हुई तो जवाब होगा गुरूवार 28 सितम्बर 2017 तिथि अष्टमी त्यौहार नवरात्रि।
नए नियमों के मुताबिक, बुरे बर्ताव का दोषी पाए जाने पर किसी खिलाड़ी को बचे मैच से बाहर किया जा सकता है। इसमें अंपायर को धमकी देना, अंपायर के साथ अनुचित बर्ताव करना, किसी व्यक्ति या खिलाड़ी पर हमला करना या हिंसक व्यवहार करना शामिल है। ICC ने कहा कि अंपायर रेफरल और बैट साइज में भी बदलाव देखने को मिलेगा। बैट और बॉल में संतुलन बनाने के लिए बैट की साइज को लेकर नए तरह के प्रतिबंध होंगे। बैट की लंबाई और चौड़ाई समान रहेगी, लेकिन इसकी धार 40 एमएम से ज्यादा नहीं होगी। वनडे और टेस्ट में सफलतापूर्वक लागू किए जाने के बाद टी-20 मैच में भी डीआरएस को शामिल किया जाएगा।
आईसीसी का कहना है कि सभी बदलाव क्रिकेट के तीनों स्वरूपों में लागू होंगे। आईसीसी के जनरल मैनेजर ने बताया, ' मैरीलिबोन वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी (MCC) द्वारा घोषित किए गए क्रिकेट के नए नियमों के अनुरूप बदलाव किए गए हैं। हमने अंपायर्स के साथ वर्कशॉप पूरा किया है ताकि उनमें सभी बदलावों की समझ हो सके और हम अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेल के नए कंडीशन को पेश करेंगे।'
MCC ने पिछले साल अपनी बैठकों के बाद क्रिकेट में कुछ नए नियमों को शामिल करने के सुझाव दिए थे। इन सुझावों में क्रिकेट में भी 'रेड कार्ड' नियम को शामिल करना और बैट के साइज को निर्धारित किया जाना था।
कमिटी के चेयरमैन माइक ब्रियरले ने इसके बाद बताया था कि इंग्लैंड में हुए एक सर्वे के मुताबिक, 40 प्रतिशत अंपायर्स ने कहा कि वे खिलाड़ियों द्वारा गलत व्यवहार के चलते जल्द ही अंपायरिंग छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं। इसलिए अंपायर की पावर को बढ़ाने और खिलाड़ियों को और अधिक अनुशासित करने के लिए हॉकी और फुटबॉल की तरह क्रिकेट में भी रेड कार्ड के नियम को लाने पर विचार किया जा रहा है।