सेंट्रल डेस्क। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक से पहले उत्तर कोरिया ने धमकी दी थी कि यदि उस पर अमेरिका द्वारा प्रस्तावित किए गए प्रतिबंध लगाए गए तो अमेरिका को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। बावजूद इसके परिषद ने 15-0 से उत्तर कोरिया पर सभी प्रतिबंध लगा दिए। प्रतिबंध लगाने का फैसला करने वालों में उत्तर कोरिया का दोस्त चीन भी शामिल है। हाल ही में उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया था। साथ ही कुछ दिन पहले ही जापान के ऊपर से मिसाइल दागी थी। यह मिसाइल 2700 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए उत्तरी प्रशांत महासागर में जाकर गिरी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन नए प्रतिबंधों पर चीन और रूस ने भी अपनी सहमति जताई है। संयुक्त राष्ट्र की बैठक में सभी सदस्यों ने 15-0 से वोट देकर उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध को सही ठहराया। अब उत्तर कोरिया भेजे जाने वाले कोयला, लीड और सीफ़ूड पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। साथ ही उत्तर कोरिया से कपड़ों के निर्यात पर रोक को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा उत्तर कोरिया मौजूदा तय सीमा तक ही कच्चे तेल का आयात कर सकेगा। बता दें कि साल 2006 से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया के खिलाफ नौ प्रस्तावों को एकमत से मंजूरी दे चुकी है।
अमेरिका ने की थी प्रतिबन्ध की मांग
हाइड्रोजन टेस्ट के बाद अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर सख्त प्रतिबन्ध लगाने की बात की थी। तेल पर प्रतिबन्ध के अलावा अमेरिका ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की संपत्ति की जब्त करने की मांग थी।
उत्तर कोरिया ने दी थी गंभीर चेतावनी
इससे पहले प्योंगयांग ने यूएस को भारी कीमत चुकाने की धमकी दी थी कि अगर अमेरिका के प्रस्तावित अवैध व गैर-कानूनी कड़े प्रतिबंधों के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो अमेरिका को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। मंत्रालय ने अपने बयान में चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि, 'उत्तर कोरिया किसी भी हद तक जवाबी कदम उठाने के लिए तैयार है।' बयान में साथ ही जोर देकर कहा गया है,' अमेरिका को ऐसे दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ेगा, जो उसने अब तक के अपने इतिहास में कभी नहीं झेला होगा।
उत्तर कोरिया के मुताबिक, अमेरिका उसके (उत्तर कोरिया) वैध आत्मरक्षक कदमों का विरोध करने के बहाने उस पर पूरी तरह दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने कोरियाई प्रायद्वीप पर मंडराते खतरे और अमेरिका के बढ़ते शत्रुताजनक कदमों और परमाणु खतरों से निपटने के लिए बेहद शक्तिशाली थर्मोन्यूक्लियर हथियार विकसित किया है। उत्तर कोरिया ने 3 सितंबर को अपना सबसे शक्तिशाली छठा परमाणु परीक्षण किया था। किम जोंग उन ने इसे उत्तर कोरिया की महान जीत बताया है।