ग्वालियर। पिछले दिनों पुलिस ने ज्वेलर्स के बेटे व उसकी प्रेमिका की बहन को क्राइम ब्रांच गिरफ्तार किया था। आरोप था कि वो RISHIKUL VIDYAPEETH GWALIOR संचालक के बेटे को ब्लैकमेल कर रहे हैं। अब खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार हुई युवती खुद छेड़छाड़ का शिकार हुई थी। स्कूल संचालक के बेटे की शिकायत करने के लिए उसने आॅडियो रिकॉर्ड की। इस रिकॉर्डिंग में उनके हाथ कुछ ऐसा लग गया कि पीड़ित महिला टीचर ने शिकायत करने के बजाए प्राइवेट स्कूल संचालक के बेटे को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और इसी के चलते आज वो सलाखों के पीछे है। पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया है।
गोविंदपुरी में स्थित ऋषिकुल विद्यापीठ के संचालक एसके सिंह ने क्राइम ब्रांच में लिखित शिकायत कर बताया कि सितंबर माह में स्कूल में नौकरी करने के लिए आई युवती वंशिका उसकी बहन शिवांगी व उनका एक दोस्त सौरभ गोयल द्वारा उसके बेटे की आपत्तिजनक बातचीत रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहे हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सौरभ गोयल पुत्र चंद्रकिशोर गोयल निवासी द्वारिका कॉलोनी किला गेट व वंशिका को गिरफ्तार कर लिया। जबकि वंशिका की बड़ा बहन शिवांगी गायब हो गई। पड़ताल में पता चला है कि शिवांगी, सौरभ की गर्लफ्रेंड है। सौरभ के पिता की किला गेट पर ज्वेलर्स की दुकान है।
ये हुआ था घटनाक्रम
पुलिस ने सौरभ व वंशिका को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। आरोपियों ने बताया कि वंशिका के स्कूल में ज्वॉइन करने के बाद स्कूल संचालक के बेटे उसके साथ गंदी हरकत की। ये बात उसने साथी अध्यापक को बताई। अध्यापक प्रूफ के लिए रिकॉर्डिंग की सलाह दी। टीचर ने बेटे की अश्लील बातचीत रिकॉर्ड कर ली। रिकॉडिंग में स्कूल संचालक के बेटे ने कुछ ऐसा भी बोला था जो काफी आपत्तिजनक था। वंशिका की बड़ी बहन शिवांगी व उसका दोस्त सौरभ गोयल रिकॉडिंग लेकर बेटे की शिकायत करने स्कूल संचालक के पास पहुंच गए। बातचीत में स्कूल संचालक डर गया। बस यहीं से मामले में यू टर्न ले लिया। सौरभ गोयल ने उसके डर का फायदा उठाया और 2 लाख रुपए झटक लिए। स्कूल संचालक ने चेक से पेमेंट किया। बात यहीं खत्म नहीं हुई। आरोपियों का लालच बढ़ गया और स्कूल संचालक से 5 लाख व फोरव्हील की मांग करने लगे। दोबारा ब्लैकमेल करने पर स्कूल संचालक इसकी शिकायत एसपी को की।
शिवांगी फरार
क्राइम ब्रांच शिवांगी भी तलाश कर रही है। पुलिस को पता चला है कि शिवांगी दिल्ली भाग गई है। उसकी तलाश में एक पुलिस पार्टी भेजी जा रही है। इसके अलावा पुलिस पता कर रही है ब्लैकमेल कर वसूला गया चेक किस के खाते में गया है।
पुलिस को नहीं है कहानी पर भरोसा
अब पुलिस उनकी कहानी पर भरोसा नहीं कर रही। उसे लगता है कि यह एक गिरोह है जो इस तरह की वारदातें करता आया है। पुलिस पता लगा रही है कि इस गैंग अन्य स्कूलों में नौकरी कर इसी तरह से अन्य स्कूल संचालकों को ब्लैकमेल तो नहीं किया है। इसका भी पता लगाया जा रहा है। रिकॉर्डिंग को जब्त कर वास्तविकता का पता लगाया जा रहा है।