नई दिल्ली। कर्नाटक के श्रृंगेरी से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री डीएन जीवराज ने बयान दिया है कि यदि वरिष्ठ महिला पत्रकार गौरी लंकेश आरएसएस के खिलाफ ना लिखतीं तो आज वो जिंदा होतीं। उन्होंने यह बयान चिकमंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया है। उन्होंने कहा कि गौरी लंकेश जिस तरह लिखती थीं, वो बर्दाश्त के बाहर था। अब सवाल यह है कि क्या भाजपा विधायक ने इस बयान के साथ ही गौरी लंकेश की हत्या की जिम्मेदारी ले ली है। क्या विधायक जीवराज को पता है कि वो शूटर्स कौन हैं और क्या उन्हे भेजने वालों में विधायक जीवराज भी शामिल हैं।
विधायक ने बयान में कहा, हमने देखा है कि कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में कई आरएसएस कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई है। अगर गौरी लंकेश ने आरएसएस के खिलाफ नहीं लिखा होता तो वह ज़िंदा होतीं। गौरी मेरी बहन जैसी हैं लेकिन जिस तरह उन्होंने हमारे खिलाफ़ लिखा, वो स्वीकार नहीं किया जा सकता है।' कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों से आए पार्टी कार्यकर्ताओं की मंगलुरु में बाइक रैली पर पुलिस ने रोक लगाई थी जिसके बाद जीवराज कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
भाजपा नेता जीवराज श्रृंगेरी से लगतार तीन बार विधायक हैं। 2013 में एक 23 वर्षीय युवती ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था कि उन्होंने अपने साथी भाजपा नेताओं के साथ मिलकर उसका अपहरण एवं रेप किया। बेंगलुरू में जीवराज के ताजा बयान के खिलाफ पुलिस केस फाइल किया गया है। बता दें कि इससे पहले ट्वीटर पर एक एक्टिविस्ट ने लिखा था कि 'एक कुतिया कुत्ते की मौत क्या मरी, सारे पिल्ले एक सुर में बिलबिला रहे हैं।' बाद में खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सिरफिरे एक्टिविस्ट को फालो करते हैं। उसका फोटो कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी के साथ दिखाई दिया।
उधर, गौरी लंकेश के हत्यारों के सुराग के लिए अब एसआईटी ने आम लोगों से मदद की अपील की है। पुलिस ने कहा है कि अगर कोई भी जानकारी हो तो पुलिस को बताएं। इस बीच गौरी की मां ने एक अंग्रेजी दैनिक को दिए बयान में कहा है कि गौरी ने 2 सितंबर को अपनी बहन कविता से अपने घर के आस पास कुछ अनजान लोगों को घूमते हुए देखा था लेकिन उनसे किसी तरह के खतरे की ज़िक्र नहीं किया। गौरी लंकेश के घर और आसपास की इमारतों के सीसीटीवी फ़ुटेज से आरोपियों की पहचान में जुटी पुलिस ने अब लोगों से मदद की अपील की है।