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दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को अपने ट्वीट में आरएसएस में परिवारवाद के कुछ प्रमुख उदाहरण पेश किए। 'वर्तमान संघ प्रमुख मोहन भागवत गुजरात के पूर्व प्रचार प्रमुख मधुकर राव भागवत के बेटे हैं। इसी तरह वर्तमान प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य भी संघ के वरिष्ठ नेता एम.जी. वैद्य के पुत्र हैं। दिग्विजय सिंह ने दोहराया कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि नेता का बेटा नेता या प्रचारक का बेटा प्रचारक है। फर्क इस बात से पड़ता है कि वो योग्य है या नहीं।
बता दें कि राहुल गांधी की ताजपोशी से पहले एक बार फिर कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लग रहा है। अमेरिका में राहुल गांधी ने भी राजनीति में परिवारवाद को सही ठहराया था। भाजपा जो खुद को कार्यकर्ताओं की पार्टी कहा करती थी, इन दिनों परिवारवाद की बीमारी से त्रस्त है। यहां दर्जन भर नेताओं के परिजन कतार में हैं। 2018 के चुनाव में परिवारवाद के कारण टिकट वितरण भी गड़बड़ाएगा। हाल ही में हुईं नियुक्तियों में भी रिश्तेदारवाद साफ दिखाई दिया है। मप्र में तो 2019 के लोकसभा चुनाव में भी परिवारवाद नजर आएगा। कई दिग्गज नेता अपने परिवार के दूसरे सदस्यों को लोकसभा टिकट के लिए तैयार कर रहे हैं।