नई दिल्ली। देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर हंगामा हो रहा है। कल ही पेट्रोलियम मंत्री ने कहा था कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए ताकि मनमाने टैक्स खत्म हो सकें परंतु नरेंद्र मोदी सरकार के एक अन्य मंत्री अल्फोंस कन्नाथनम का कुछ और ही बयान सामने आया है। वो कहते हैं कि पेट्रोल और डीजल भरवाने वाले भूखों नहीं मर रहे हैं, इन पर जो भी टैक्स लगाए गए हैं सोच समझकर लगाए गए हैं।
बता दें कि इन दिनों देश भर में पेट्रोल और डीजल की मूल कीमत से ज्यादा टैक्स लगा दिए गए हैं। 30 रुपए मूल्य के पेट्रोल पर 46 रुपए के करीब टैक्स लगे हुए हैं। इस विषय पर बोलते हुए केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस कन्नाथनम ने टैक्स निर्धारण को सही ठहराया है। उन्होंने मीडिया के बातचीत में बोला कि हम यहां नीचले तबके की बात कर रहे हैं। हर गांव में बिजली की आपूर्ति, घर बनाना, शौचालय बनवाना यह हमारी प्रारंभिक जरूरते हैं।
इन सभी समाज कल्याण वाले कार्यों में काफी पैसा लगने वाला है। इसके लिए हम टैक्स बढ़ा रहे हैं। जो लोग सक्षम हैं उन्हें टैक्स देना होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पेट्रोल खरीद रहे हैं वह कौन हैं? पेट्रोल वहीं खरीद रहे हैं जिनके पास कार या बाइक है। निश्चित रूप से ये लोग भूखे नहीं मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों से मिलने वाला पैसा लोक कल्याण में लगाया जा रहा है। सरकार ने यह फैसला सोच समझ कर लिया है।