नई दिल्ली। अभी गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल में छात्र की यौन शोषण के लिए हत्या का मामला थमा नहीं था कि कृष्णा नगर इलाके से एक और एक शर्मनाक खबर आ गई। यहां TAGORE PUBLIC SCHOOL KRISHNA NAGAR NEW DELHI में सिक्योरिटी गार्ड द्वारा पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। ये मामला शनिवार दोपहर का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि हो गई है। पुलिस ने आरोपी के पास खून से सने कपडे भी बरामद कर लिए है। वहीं बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही है। रक्त बहने के कारण बच्ची का ऑपरेशन नहीं हो सका था।
जानकारी के अनुसार रघुबरपुरा इलाके में पीड़िता परिवार के साथ रहती है और सुभाष मोहल्ला स्थित स्कूल में पढ़ती है। स्कूल से दोपहर करीब डेढ़ बजे बच्ची घर आ गई। शाम को उस ने मां से कहा कि उसके पेट में दर्द है। इसके बाद मां उसे चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय लेकर गई। मेडिकल जांच में बच्ची के अंदरुनी अंगों से रक्तस्राव पाया गया। पूछने पर बच्ची ने बताया कि लाल टोपी पहने अंकल ने उसके साथ गलत काम किया है। इसके बाद रात आठ बजे अस्पताल से पुलिस को घटना की सूचना दी गई।
पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की तो पता चला कि आरोपी स्कूल का सुरक्षा गार्ड है। उसका नाम विकास है और वो 3 साल से इस स्कूल में काम कर रहा है। आरोपी गार्ड ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि है कि ये घटना शनिवार दोपहर 11.45 की है। आरोपी ने बताया कि जब बच्ची वाशरूम जा रही थी उस वक्त वो शिक्षकों को खाना देकर वापस लौट रहा था। उसने पीड़ित बच्ची को रोका और खाली क्लासरूम ले गया। उसने वहां बच्ची को धमकी दी कि वह इस बारे में किसी को न बताए। अभिभावकों ने बताया कि बच्ची घर मे किसी से बातचीत नहीं कर रही थी। उसने दर्द की शिकायत भी की थी। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि गार्ड ने किसी अन्य बच्चे के साथ तो ऐसा नहीं किया।
अभिभावक नाराज, सुरक्षा के प्रबंध नहीं
वहीं बच्ची के अभिभावक सवाल कर रहे हैं कि हाल में गाजियाबाद और गुरुग्राम के स्कूल में बच्चों के साथ घटनाओं से स्कूल ने सबक क्यों नहीं लिया। सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी बाहर लगी थी तब वह अंदर क्यों घूम रहा था। जब वह बच्ची को लेकर स्कूल परिसर में घूम रहा था तब उसे किसी ने टोका या पूछताछ क्यों नहीं की। स्कूल प्रशासन एवं टीचर ने महज पांच साल की बच्ची को अकेले परिसर में जाने क्यों दिया। घटना के वक्त स्कूल की दाई और चपरासी कहां थे जिन पर बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी थी।