भोपाल। ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल का टास्क पूरा करने के लिए घर से भागी दो नाबालिग लड़कियों ने काउंसलिंग के दौरान कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। दोनों बच्चियां आगरा के सैनिक स्कूल की छात्रा थी, जो कि मंगलवार देर रात मप्र के होशंगाबाद स्टेशन पर मिली थी। उन्होंने बताया कि, उनके स्कूल और हॉस्टल में रहने वाले कई स्टूडेंट्स इस गेम को खेल रहे हैं। गेम की शुरुआत उन्होंने भी फन के लिए ही की थी, लेकिन धीरे-धीरे इसमें इंट्रेस्ट बढ़ता गया।
इस मामले में बाल संरक्षण अधिकारी विजय चौहान का कहना है कि, दोनों बच्चियों को मंगलवार देर रात काउंसलिंग के लिए लाया गया था। काउंसलिंग से पहले एक एफआईआर दर्ज कराई गई एवं दोनों को मेडिकल चेकअप भी कराया गया था। दोनों के पास मौजूद बैग में कपड़े और पैसों के अलावा मोबाइल फोन, मैप और एक लैपटॉप भी मिला है। बुधवार को बाल कल्याण समिति की स्पेशल बैंच बाल संरक्षण कार्यालय में लगाई थी। इसमें बाल कल्याण समिति के सदस्य अनिल झा और अफरोज खान ने बच्चियों की काउंसलिंग की। बच्चियों ने बताया कि लैपटॉप और मैप के जरिए वे बार-बार अपनी लोकेशन व टास्क का समय अपडेट कर रही थी।
दूसरा टास्क पूरा करते ही उन्होंने होशंगाबाद स्टेशन के वेटिंग रूम से अपने अन्य दोस्तों को एक सेल्फी भी भेजी थी। लड़कियों की माने तो मैप देखने के बाद वे अगले दिन वापस आगरा लौटने वाली थी, लेकिन रात होने और ट्रेनों की जानकारी नहीं मिलने की वजह से वे होशंगाबाद स्टेशन पर ही रुक गई। सुनील दीक्षित लड़कियों से मिली जानकारी के अनुसार होशंगाबाद चाइल्ड लाइन ने आगरा चाइल्ड लाइन को कॉल कर सारी जानकारी दे दी है। उन्होंने यह भी बताया है कि सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले कई स्टूडेंट्स ब्लू व्हेल गेम के टास्क पूरे करने के लिए जोखिम उठा रहे हैं। इसके मद्देनजर स्कूलों में छात्रों की काउंसलिंग की जाए, ताकि वक्त रहते बच्चों को इस खतरनाक गेम से बचाया जा सके।
बच्ची के भाई राहुल ने बताया कि, मीडिया और पुलिस के जरिए उन्हें पता चला कि उनकी बहन मध्यप्रदेश के होशंगाबाद स्टेशन पर मिली है। बुधवार को जरूरी कार्यवाही और परिजनों के दस्तावेजों की जांच के बाद बच्चियों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया।