इलाहाबाद। उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा में आवेदन अंतिम चरण में हैं और परीक्षा में सभी प्रकार के फर्जीवाड़े व नियम विरुद्ध आपराधिक प्रक्रियाएं पूरी करने के षडयंत्र रच लिए गए हैं। इस परीक्षा की शुचिता बनाए रखना योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। मेधावी अभ्यर्थी खासे परेशान हैं, क्योंकि उनका हक मारा जाएगा। साजिशकर्ताओं ने अभ्यर्थियों के रजिस्ट्रेशन एक साथ कराए हैं ताकि उनका रोल नंबर व परीक्षा केंद्र भी एक ही आए। बाजार में ठेकेदार 1 लाख रुपए तक की मांग कर रहे हैं, बदले में पास कराने की गारंटी दी जा रही है।
टीईटी में परीक्षा केंद्र आवंटन का आधार पंजीकरण रहा है। इसको ध्यान में रखकर इस बार अभ्यर्थियों ने एक साथ ही रजिस्ट्रेशन कराया है। परीक्षा में नकल रोकने के लिए मेधावी अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को ज्ञापन सौंपा है इसमें कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पंजीकरण के आधार पर आवंटित न किया जाए, बल्कि केंद्र निर्धारण का आधार दूसरा बनाया जाए, इससे नकल होने की संभावनाओं पर विराम लग जाएगा।
तमाम अभ्यर्थियों ने एक साथ पंजीकरण कराया है, ताकि उनका अनुक्रमांक भी उसी क्रम में जारी हो। परीक्षा में आगे व पीछे परिचित अभ्यर्थी होने से इम्तिहान की शुचिता पर प्रभाव पड़ने से रोकना कठिन होगा। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि टीईटी उत्तीर्ण कराने का इस बार प्रदेश में मानों धंधा बन गया है इसमें तमाम ऐसे अभ्यर्थियों ने भी दावेदारी की है, जिन्होंने बीटीसी या फिर बीएड किया ही नहीं है। वह चहेतों को उत्तीर्ण कराने के लिए परीक्षा में शामिल होने की तैयारी में हैं। यह परीक्षा उत्तीर्ण कराने की गारंटी के तहत दस हजार से एक लाख रुपये तक वसूले जा रहे हैं।
मेधावियों ने ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया है कि प्रदेश की डायट जैसी बड़ी संस्थाएं परीक्षा की तैयारी करा रही हैं। वहां के शिक्षक अभ्यर्थियों से सुविधा शुल्क वसूल रहे हैं और इम्तिहान में उत्तीर्ण कराने का भरोसा दे रहे हैं। यदि अनुक्रमांक आवंटन का आधार (पंजीकरण को छोड़कर) बदल जाएगा तो इस गोरखधंधे पर अंकुश लगना तय है और परीक्षा सकुशल होगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने कहा कि इस मामले की वह गोपनीय जांच कराएंगी और परीक्षा में शुचिता बनाए रखने का हर संभव प्रयास कर रही हैं।
शुल्क जमा करने वाले दस लाख पार
शुल्क जमा करने की मियाद सोमवार शाम को पूरी हो चुकी है। इसमें बैंक ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को अवगत कराया है कि शुल्क जमा करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 10 लाख नौ हजार 221 है। हालांकि बीते आठ सितंबर को प्रदेश भर में 15 लाख आठ हजार 410 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 13 सितंबर बुधवार शाम छह बजे तक है। इसकी परीक्षा 15 अक्टूबर को होना प्रस्तावित है। आवेदन की त्रुटियों में संशोधन के लिए 15 से 19 सितंबर की शाम छह बजे तक मौका दिया जाएगा। इस बार 2016 की अपेक्षा करीब ढाई लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने शुल्क जमा किया है।