नई दिल्ली। टीबी (क्षय रोग) के मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब तीन या चार तरह की दवाएं एक ही गोली में रहेंगी। वहीं जहां पहले रोगियों को हफ्ते में तीन बार में सात गोलियां लेनी पड़ती थी, अब रोजाना एक गोली खानी होगी। टीबी के इलाज के नए तरीके को रिवाइज्ड नेशनल ट्यूबरक्यूलोसिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत मंगलवार से देशभर में लागू कर दिया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों और योजना निदेशकों के साथ बैठक कर नई स्वास्थ्य नीति को लागू करने की तैयारी का ब्योरा लिया था। हाल ही में इस योजना से स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री को भी अवगत कराया था।
नई योजना में रोगी की उम्र व शरीर के वजन के अनुसार दवा की मात्रा तय होगी। पूर्व में सभी को एक ही तरह की दवा दी जाती थी। इसके अतिरिक्त टीबी से पीड़ित बच्चों को कड़वी दवाएं नहीं बल्कि आसानी से घुलनेवाली और स्वाद वाली दवाएं दी जाएंगी। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टीबी के इलाज के लिए दिए अपने पुराने दिशा-निर्देशों में बदलाव कर नई खुराक निश्चित करने को कहा था।
डब्लूएचओ से जारी हुए आंकड़ों में सामने आया है कि 2016 में दुनिया भर में 1.4 करोड़ नए टीबी मरीजों में से 64 फीसद भारत के थे। वहीं दवाओं के प्रति रोगाणुओं की प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेने के 4.90 लाख मामलों में से आधे भारत, चीन और रूस के थे।