कानपुर। उत्तरप्रदेश पुलिस और कानुपर डीएम के माथे पर एक दाग लग गया है। तमाम सुरक्षा बंदाबस्त के बावजूद यहां कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई। सुबह से लेकर शाम तक 2 बाद अलग अलग स्थानों पर तनाव हुआ। पथराव और लाठीचार्ज के साथ आगजनी की घटनाएं भी हुईं। बता दें कि इलाके में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना पुलिस और प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है। लाठीचार्ज और पथराव में कितने घायल हुए और उनकी क्या स्थिति है, फिलहाल बता पाना मुश्किल है।
मोहर्रम के जुलूस के दौरान तगड़ी सुरक्षा की तैयारी की आज कानपुर में पोल खुल गई। कानपुर में सुबह रावतपुर में तो शाम के समय जूही परम पुरमा में बवाल हो गया। जूही परमपुरवा में आज शाम को मोहर्रम का जुलूस दूसरे रास्ते से निकालने के विरोध में पथराव और आगजनी हो गई। फायरिंग की भी सूचना है। पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें भगाने के लिए रबर बुलेट चलाई। घटना के पीछे मुख्य विवाद नए रूट से मोहर्रम का जुलूस निकालना बताया जा रहा है।
एक तरफ जहां सुबह से पुलिस प्रशासन रावतपुर रामलला मंदिर और उसके आसपास जुलूस के रुट बदलने के आरोप में उपजे तनाव और रामलला मंदिर में लाठीचार्ज के बाद उपजे तनाव को नियंत्रित करने में लगा हुआ था। वहीं जूही परमपुरवा इलाके में विवाद की भनक तक नहीं लगी। जुलूस निकालने के दौरान ही अचानक ही पथराव हो गया। घटना में सीओ की जीप और तीन चार बाइक जला दी गई है।
रावतपुर में भी सांप्रदायिक माहौल गरमाया
अतिसंवेदनशील क्षेत्र रावतपुर में आखिर एक बार फिर जिला प्रशासन और पुलिस नकारा साबित हुई। सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने से रोकने के लिए पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। दशहरे और मुहर्रम के मद्देनज़र जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा बरती गई लापरवाही आखिरकार सामने आ ही गई। वहीं बीजेपी विधायक और जिले की डीआईजी को घटना मामूली बात लगी।
रावतपुर में पिछले तीन दिनों से सांप्रदायिक माहौल गर्म था। बीते दिन दो समुदायों के लोगो में आपसी छुटपुट घटनाओ में पुलिस ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए एक समुदाय के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिस पर क्षेत्र के रामलला मंदिर में बीजेपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता बैठक कर रहे थे।