भोपाल। विधानसभा में लोकायुक्त पीपी नावलेकर की फर्जी फोटो लहराने वाली कांग्रेस की महिला विधायक कल्पना पारुलेकर को भोपाल कोर्ट ने 2 साल की जेल की सजा सुनाई है। परुलेकर ने बताया था कि नावलेकर आरएसएस के सदस्य हैं एवं फोटो में वो आरएसएस की यूनिफार्म पहने हुए दिखाई दे रहे थे। इस बारे में विधानसभा में पत्रकार वार्ता भी की गई थी। मामले की जांच में फोटो से छेड़छाड़ का खुलासा हुआ था।
अभी 6 माह पहले परुलेकर को जिला कोर्ट ने एक साल की जेल और दो हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह सजा मानहानि केअ मामले में सुनाई थी। तत्कालीन विधानसभा सचिव भगवान देव इसरानी की नियुक्ति से यह मामला संबंधित था। तब इन्होंने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। तब वे विधायक थीं।
क्या है मामला
मध्य प्रदेश विधानसभा की शीतकालीन सत्र-2011 के दौरान महितपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक एवं नेत्री कल्पना परुलेकर ने प्रदेश के लोकायुक्त पीपी नावलेकर की मॉर्फ की हुई फोटो पत्रकार वार्ता के दौरान विधानसभा की पत्रकार दीर्घा में प्रदर्शित की थी। जिसमें लोकायुक्त नावलेकर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वेशभूषा में दिखाया गया था। इस फोटो को प्रदर्शित करते हुए परुलेकर ने नावलेकर पर कई आरोप लगाए थे।
साइबर थाने में की थी शिकायत
इस मामले में शासन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक प्रकाश शेबड़े ने बताया कि सुश्री परुलेकर के इस कृत्य के संबंध में गोपाल कृष्ण दंडोतिया ने एक लिखित शिकायत समाचार पत्रों को संलग्न करते हुए साइबर थाने में प्रस्तुत की थी। साइबर सेल द्वारा अपराध अनुसंधान को आगे बढ़ाते हुए कार्यवाही की गई। इसी आधार पर थाना CID भोपाल ने सुश्री परुलेकर के खिलाफ अपराध क्रमांक 52 /2013 धारा 465, 468, 470, 471, 473, 476 और 120-बी भारतीय दंड विधान एवं धारा 66ए एवं 66 बी आईटी एक्ट का अपराध दर्ज कर मामले में जांच शुरू की थी।
सुनाई सजा और जुर्माना
मामले की जांच के बाद डॉ. कल्पना परुलेकर के खिलाफ इन सभी आपराधिक धाराओं में चालान अदालत में प्रस्तुत किया गया था। अदालत ने परुलेकर को इन्हीं धारा में आरोपित करते हुए विचरण शुरू किया था। न्यायाधीश अरविंद कुमार गोयल ने इस मामले में कल्पना परुलेकर को दोषी मानते हुए उन्हें धारा 465 में 2 साल की जेल और 1000रु जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने नावलेकर की मॉर्फ की हुई फोटो तैयार कर उसका दुरुपयोग करने एवं सम्मान को ठेस पहुंचाने के मामले में धारा 469 में 2 साल की जेल और 10000 जुर्माने की सजा सुनाई है।