नई दिल्ली। तमिलनाडु राज्य में खासतौर पर चेन्नई और आसपास के इलाके में पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश जारी है। यह रविवार को शुरू हुई थी जो समाचार लिखे जाने तक जारी है। चेन्नई के कई इलाके डूब गए हैं। तमिलनाडु के 16 इलाकों में तूफानी जबकि 21 इलाकों पर मूसलाधार बारिश हो रही है। अगले 24 घंटों में कोस्टल एरिया में बड़े पैमाने पर बारिश होने का अनुमान है। स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। बता दें कि 2015 में भी ऐसे ही हालात बने थे। तब 270 लोगों की मौत हो गई थी।
400 पंप से निकाला जा रहा पानी, एक की मौत
म्यूनिसिपल कॉर्पाेरेशन के कमिश्नर डी कार्तिकेयन के मुताबिक, 300 निचली बस्तियों की पहचान कर वहां से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। 175 रिलीफ कैम्प लगाए गए हैं। 400 वॉटर पंप की मदद से पानी को निकाला जा रहा है। बारिश की वजह से हुए हादसे में तंजावुर के ओराथनाडु में एक बुजुर्ग की मौत की खबर है।
नॉर्थ-ईस्ट मानसून ने बिगाड़े हालात
वेदर डिपार्टमेंट ने चेन्नई में भारी बारिश और कोस्टल एरिया में मूसलाधार बारिश की वॉर्निंग दी है। चेन्नई, तिरुवल्लूर, नागापट्टनम, कांचीपुरम, तंजौर, तिरुवरूर और रामनाथपुरम को खासतौर पर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। वेदर डिपार्टमेंट का कहना है कि नॉर्थ-ईस्ट मॉनसून की वजह से भारी बारिश हो रही है। यह कुछ दिन पहले ही साउदर्न कोस्ट से टकराया है।
पुड्डूचेरी में भी शुरू हुई बारिश
उधर, पुड्डूचेरी में भी मंगलवार सुबह से बारिश शुरू हो गई है, जिसकी वजह से कई इलाकों में पानी भर गया है। एरिया साइक्लोन वॉर्निंग सेंटर के डायरेक्टर डॉ. एस बालचंद्रन ने मीडिया को बताया, "श्रीलंका के पास बने साइक्लोन की वजह से तमिलनाडु के तटवर्ती जिलों में भारी और भीतरी हिस्सों में हल्की बारिश होगी।
2015 में हुई थी 270 लोगों की मौत
चेन्नई की हिस्ट्री में बाढ़ के लिहाज से 2015 बेहद खतरनाक साल था। तब कई दिन तक राज्य और खासकर चेन्नई शहर में भारी बारिश हुई थी। चेन्नई में खराब ड्रैनेज और सीवेज सिस्टम के चलते हालात बद से बदतर हो गए थे। सड़कों पर चार से पांच फीट तक पानी था। 270 लोगों की मौत हुई थी। शहर के ज्यादातर इलाकों में खतरे की वजह से बिजली काट दी गई थी। सबसे ज्यादा दिक्कत कम्युनिकेशन सिस्टम के खराब होने से हुई। मोबाइल और लैंडलाइन नेटवर्क बहुत हद तक खराब हो चुके हैं। हालात सामान्य हुए तो जांच कराई गई। रिपोर्ट में हालात बिगड़ने की तीन वजहें सामने आईं।
पहली- खस्ताहाल सीवेज और ड्रैनेज सिस्टम।
दूसरी- इलीगल कंस्ट्रक्शन और
तीसरी- एडमिनिस्ट्रेशन की अधूरी तैयारी।