नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज के कार्यक्रम में जीडीपी ग्रोथ, एफडीआई, रोजगार जैसे विषयों खुलकर बात की। करीब 1 घंटे के भाषण में मोदी ने उन सभी सवालों के जवाब दिए जो अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "कुछ लोग महाभारत में कर्ण के सारथी रहे शल्य की तरह होते हैं, ये लोग केवल दूसरों में निराशा फैलाते हैं।" बता दें कि हाल ही में अटल सरकार के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अर्थव्यवस्था को लेकर गंभीर लेख लिखा था। उन्होंने लिखा था कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को धड़ाम से नीचे ला दिया है। कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल लगातार इस विषय पर मोदी सरकार को घेर रहे हैं। इसे मोदी सरकार का सबसे बड़ा फेलियर बताया जा रहा है। मोदी ने आलोचकों को बिन्दुवार जवाब दिए:
GDP पहले भी कई बार गिरी है
क्या आपको लगता है कि देश में पहली बार किसी क्वॉर्टर में जीडीपी की दर 5.7% पर पहुंची है। पिछली सरकार में 8 बार ऐसे मौके आए, जब विकास दर 5.7% या उससे नीचे गिरी थी। देश की अर्थ व्यवस्था ने ऐसी तिमाही भी देखी है, जब विकास दर 0.2 फीसदी, 1.5 फीसदी तक गिरी थी। रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि नेक्स्ट क्वॉर्टर्स में 7.7 तक वृद्धि जाएगी।"
इस ग्रोथ को आप क्या कहेंगे
देश में जून के बाद 2 महीनों में महीने के बाद पैसेंजर कारों की बिक्री में अगर 12 फीसदी वृद्धि हुई है तो आप उसे क्या कहेंगे? जब आपको पता चलेगा कि जून के बाद कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में 23% से ज्यादा वृद्धि हुई है, दोपहिया वाहनों की बिक्री में 14% से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक में 14% की वृद्धि दो महीनों में हुई है। हवाई जहाज के जरिए माल ढुलाई में 16% की वृद्धि हुई है, टेलीफोन सब्सक्राइबर में 14% से ज्यादा वृद्धि हुई है। ग्रामीण डिमांड को देखें तो ट्रैक्टर की बिक्री में 34% से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
मूलभूत मामलों में दोगुना विकास कर दिया
पिछली सरकार के आखिरी तीन सालों में गांवों में 80 हजार किलोमीटर सड़क बनी थी। हमारी सरकार ने तीन साल में 120000 किलोमीटर सड़क बनाई है। 34000 किलोमीटर से ज्यादा नेशनल हाईवे बनाने का काम किया। पिछली सरकार ने इसमें 15000 किलोमीटर का काम किया था। पिछली सरकार के आखिरी 3 साल में 1100 किलोमीटर नई रेल लाइन बनी थी। हमारी सरकार ने 2100 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइन बिछा दी है। पिछली सरकार में 1300 किलोमीटर लाइन का दोहरीकरण हुआ, हमारी सरकार ने 2600 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण किया। साथियों! एक लाख उन्चास हजार करोड़ का कैपिटल एक्सपेंडेचर किया गया पिछली सरकार के कार्यकाल में, हमने 2.64 लाख हजार करोड़ का एक्सपेंडेचर किया।
एलईडी से 20 हजार करोड़ रुपए बचा लिए
पिछली सरकार में एलईडी की कीमत 350 थी। इस साल में ये बल्ब 40-45 रुपए में मिल रहा है। 26 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्ब बांटे गए हैं। एक बल्ब की कीमत में ढाई सौ की कमी माने तो मध्यमवर्ग के साढ़े छह हजार करोड़ रुपए बचे हैँ। बिजली की खपत कम हुई है। इससे भी एक साल में 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि की बचत हुई है। टोटल करीब 20 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है।"
ये देखिए, हम कितना FDI ले आए
92 के बाद उदारीकरण का काम शुरू हुआ। 1992 से माना जाए तो कंस्ट्रक्शन सेक्टर में अब तक के टोटल विदेशी निवेश का 75% केवल इस तीन साल में आया। एयर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में टोटल निवेश का 69% पिछले तीन सालों में आया है। माइनिंग सेक्टर में एफडीआई का 56% इन तीन सालों में आया। कम्प्यूटर, सॉफ्टवेयर, हार्ड वेयर में एफडीआई का 63% इन्हीं तीन साल में आया। रिन्यूएबल एनर्जी में 49% इन्हीं 3 सालों में आया है। टेक्स्टाइल में 45% 3 साल में आया है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी कुल FDI का 44% इन्हीं तीन सालों में आया।