
मध्य प्रदेश के मालाखेड़ी से बांद्राभान तक 2005-06 में करीब 5.50 करोड़ रूपए की लागत से सड़क बनवाई थी लेकिन बीते कुछ महीनों से सड़क करीब आधा फीट रेत के नीचे दब गई थी। यह चोरी की रेत थी, जो धरपकड़ के डर से ट्रैक्टर ट्रॉली और डंपर चालक सड़क और उसके किनारे उतार भाग जाते थे।
कुछ दिन पहले जब यह खबर लगी कि दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा इसी रास्ते से होकर गुजरेगी तो प्रशासन की नींद खुली। अफसरों ने ताबड़तोड़ सड़क के ऊपर से जेसीबी के जरिए रेत हटवाई। यही नहीं, झाड़ू लगवाकर सड़क को फायरब्रिगेड से धुलवाया भी। नतीजा जब दिग्विजय सिंह की यात्रा बांद्राभान से होशंगाबाद के लिए रवाना हुई तो सड़क चकाचक थी।
बता दें कि इस सड़क पर करीब 100 ट्रॉली से ज्यादा रेत पड़ी थी। इस रेत के कारण यहां से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो रहा था। यह रेत बांद्राभान ब्रिज के नीचे तवा से ही निकाली गई थी। यह धरपकड़ या अन्य कारणों से सड़क किनारे डंप कर दी जाती थी, जो बाद में पूरी सड़क पर फैल गई।