मंडला। अध्यापक संवर्ग को छंठवे वेतनमान के निर्धारण को लेकर मण्डला जिले के अध्यापकों द्वारा दायर याचिका की सर्टिफाइड कॉपी याचिकाकर्ताओं को प्राप्त हो गई है। डी.के.सिंगौर एवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर 26 सितम्बर को सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने याचिका कर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करते हुये शासन को निर्देशित किया है कि है कि अध्यापक भर्ती नियम 2008 के नियमों के आधार पर अध्यापक संवर्ग में संविलियन करते समय प्रदाय की गई पूर्व की सेवाओं के वेतनवृद्धि का लाभ देते हुये वेतन निर्धारण किया जाये न कि 7 जुलाई 2017 के आदेष के अनुसार।
माननीय न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुये यह भी कहा है कि न्यायालय के आदेश के बिना याचिकाकर्ताओं का वेतन कम नहीं किया जायेगा। माननीय न्यायालय ने प्रमुख सचिव म.प्र.शासन भोपाल एवं अन्य को नोटिस जारी करते हुये 4 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने को कहा है। माननीय न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 8 नवम्बर 2017 निर्धारित की है।
राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्य अध्यापक संघ एक अन्य याचिका न्यायालय में दायर करने जा रहा है जिसमें 2007 से छंठवे वेतनमान की मांग न्यायालय से करेगा। जिसमें संघ का तर्क है कि शिक्षा विभाग के शिक्षकों और जिला जनपद पंचायत के अन्य कर्मचारियों को जब 2006 से छंठवे वेतनमान का लाभ दिया गया है तो अध्यापकों को 2016 से छंठवा वेतनमान क्यों दिया जा रहा है।