नई दिल्ली। मोदी सरकार ने देश के 7.58 लाख टीचर्स को 7वें कमीशन का फायदा देने का फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने यूनिवर्सिटीज, कॉलेजों, केंद्र सरकार की तरफ से आर्थिक मदद पाने वाले तकनीकी संस्थानों के टीचर्स और अन्य एकेडमिक स्टाफ के लिए रिवाइज्ड पे स्केल को बुधवार को मंजूरी दे दी। यूनियन एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार एकेडमिक फील्ड में टैलेंट को लाना चाहती है, इसीलिए कैबिनेट ने यह फैसला किया।
टीचर्स के लिए मंजूर नई पे स्केल 1 जनवरी 2016 से लागू होगी। इस फैसले से केंद्र सरकार पर हर साल करीब 9800 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। जावड़ेकर ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें रिवाइज्ड पे स्केल के फैसले को मंजूरी दी गई। 7वें पे कमीशन का फायदा UGC (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) के तहत आने वाले हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के टीचर्स, इनके बराबर दर्जे वाले अन्य एकेडमिक स्टाफ और केंद्र सरकार की तरफ से मदद पाने वाले टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस के टीचर्स को मिलेगा।
कितनी बढ़ेगी टीचर्स की सैलरी?
7वें पे रिवीजन पर अमल से टीचर्स की सैलरी में 22 से 28 प्रतिशत यानी 10400 रुपए से लेकर 49800 रुपए तक की बढ़ोत्तरी होगी।
106 सेंट्रल, 329 स्टेट यूनिवर्सिटीज के टीचर्स को मिलेगा फायदा
सरकार के इस फैसले के दायरे में यूजीसी और MHRD (मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट) की तरफ से आर्थिक मदद पाने वाली 106 यूनिवर्सिटीज, कॉलेजों के 7.58 लाख टीचर्स और इनके बराबर दर्जे वाले एकेडमिक स्टाफ शामिल हैं।
इनके अलावा राज्य सरकारों द्वारा आर्थिक मदद पाने वाली 329 यूनिवर्सिटीज के टीचर्स को भी 7वें पे कमीशन का फायदा मिलेगा।
119 टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस का स्टाफ भी इसके दायरे में
केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद पाने वाले 119 टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस जैसे- IITs, IISc, IIMs, IISERs, IIITs और NITIE के टीचर्स को भी रिवाइज्ड पे पैकेज मिलेगा।
12912 सरकारी कॉलेजों और स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटीज के तहत आने वाले प्राइवेट कॉलेजों का एकेडमिक स्टाफ भी इसके दायरे में आएगा।