
मानवता को झकझोर कर रख देने वाली यह घटना 13 साल की बच्ची के साथ राजधानी के छोला इलाके में हुई। इस मामले में छोला पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पोक्सो, दुष्कर्म की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। छोला मंदिर थाना पुलिस के मुताबिक मंडी इलाके में रहने वाली किशोरी की मां की काफी पहले मौत हो गई थी। उसकी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। वह पति के साथ विदिशा में रहती है। किशोरी अपने पिता और चाचा के परिवार के साथ रह रही थी। सात माह पहले उसके पिता की भी मौत हो गई। इसके बाद उसके चाचा ने उसके साथ गंदी हरकतें करना शुरू कर दिया। कुछ दिनों तक तो वह सहन करती रही। इसके बाद मौका पाकर भाग निकली और विदिशा में बहन के घर चली गई।
वहां उसके बहनोई ने भी उसे उसके साथ वही सलूक करना शुरू कर दिया। लुटी-पिटी मासूम हारकर फिर अपने घर भोपाल आई,तो इस बार उसके चचेरे भाई ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया। अंततः वह किसी तरह फिर विदिशा पहुंची। लेकिन इस बार वह बहन के घर न जाकर विदिशा के कोतवाली थाने पहुंची। उसकी आपबीती सुनकर पुलिस भी सन्ना रह गई। किशोरी की शिकायत पर उसके चाचा,चाचा के पुत्र और बहनोई के खिलाफ पोक्सो,दुष्कर्म का केस जीरो पर दर्ज कर केस डायरी छोला मंदिर थाने भेज दी।
व्यवस्था की चौखट पर भी मिली लाचारी
अपनों के हाथ लुटती-पिटती रही बच्ची को अभी तक न्याय की चौखट पर ही लाचारी ही मिली। दो दिन पहले एफआईआर होने के बाद अभी तक उसकी मेडिकल जांच तक नहीं हो सकी है। वह फिलहाल चाइल्ड लाइन की अभिरक्षा में आकर नेहरू नगर बालिका गृह में है। 28 सितंबर को रेप का केस दर्ज होने के बाद विदिशा पुलिस बच्ची को मेडिकल के लिए अस्पताल ले गई थी,लेकिन उसके साथ अभिभावक न होने से डॉक्टर ने मेडिकल करने से मना कर दिया।
विदिशा में बाल कल्याण समिति भंग होने के कारण बच्ची का केस भोपाल रेफर कर दिया गया। बच्ची शुक्रवार को भोपाल में चाइल्ड लाइन की अभिरक्षा में आ गई। चाइल्ड लाइन ने बाल कल्याण समिति के आदेश पर मेडिकल कराने की तैयारी कर ली। लेकिन शुक्रवार को रात 10 बजे तक विदिशा से केस डायरी न आने के कारण उसका मेडिकल नहीं हो सका। शनिवार को केस डायरी पहुंचने पर छोला मंदिर थाना में आरोपी लक्ष्मणसिंह,पंकज और राजवीरसिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। सभी आरोपी फरार हैं।