नई दिल्ली। आने वाले 5 सालों में चीन की 600 कंपनियां भारत में कारोबार शुरू कर देंगी और 7 लाख भारतीय नागरिक भारतीय बाजार में रहकर चीन के लिए काम करेंगे। बताया जा रहा है कि यह सबकुछ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से संभव हुआ है। माना जा रहा है कि इससे बेरोजगारी कम होगी और 2019 के चुनाव में मोदी पर नौकरियों के लेकर कोई ताने नहीं मार पाएगा। खबर आ रही है कि चीन की सैनी हेवी इंडस्ट्री सहित करीब 600 कंपनियां भारत में लगभग 85 अरब डॉलर निवेश की योजना बना रही हैं। माना जा रहा है कि ये कंपनियां जिन परियोजनाओं में निवेश करेंगी, उनसे देश में आने वाला पांच सालों में रोजगार के करीब 7 लाख अवसर पैदा होंगे। अगर ये सब सही रहा है तो मोदी के लिए 2019 की राह आसान हो सकती है।
विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाली नरेंद्र मोदी सरकार की नीति इंवेस्ट इंडिया के तहत देश को निवेश के लिए एक आकर्षक जगह के रूप में बेहतर ढंग से पेश करने की तैयारी है। इंवेस्ट इंडिया के एमडी दीपक बागला ने बतायाने ऐसी 200 कंपनियों की लिस्ट बनाई है, जो अभी भारत में कारोबार नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम अगले दो वर्षों में 100 अरब डॉलर विदेशी निवेश का लक्ष्य पाना चाहते हैं।
इसमें नई और पहले से चल रही, दोनों तरह की परियोजनाओं में निवेश शामिल है। वित्त वर्ष 2017 के दौरान भारत में सबसे ज्यादा 43 अरब डॉलर विदेशी निवेश हुआ है। दुनिया की बड़ी इंजिनियरिंग मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स में शामिल चीन की सैनी हेवी इंडस्ट्री भारत में 9.8 अरब डॉलर निवेश करना चाहती है।
एनर्जी और वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में इन कंपनियों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है। इसके बाद कंस्ट्रक्शन और ई-कॉमर्स का नंबर है। भारत में निवेश के अधिकतर प्रस्ताव (42 फीसद) चीन से मिले हैं। इसके बाद अमेरिका से 24 फीसद, और 11 फीसदी इंग्लैंड से मिले हैं। रोल्स रॉयस की 3.7 अरब डॉलर और ऑस्ट्रेलिया की पेर्डामैन इंडस्ट्रीज की तीन अरब डॉलर निवेश करने की योजना है।