नई दिल्ली। भारत के कई राज्यों में अभी कर्मचारियों को 7वां वेतनमान के तहत वेतन भुगतान शुरू नहीं हो पाया है और इधर मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा, तो अगले साल की शुरुआत में केंद्रीय कर्मचारियों को दूसरी वेतन वृद्धि मिल सकती है। नेशनल एनोमली कमेटी (NAC) इसी महीने एक बैठक करने वाली है, जिसमें न्यूनतम बेसिक सैलेरी को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके बाद एक्सपेंडिचर डिपार्टमेंट को एक रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी। अगर रिपोर्ट को मंजूरी मिल जाती है, तो फिर इस मामले को केंद्रीय कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने कुछ ही महीने पहले 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए न्यूनतम वेतन को सात हजार रुपए से बढ़ाकर 18 हजार रुपए कर दिया है। हालांकि, केंद्रीय कर्मचारी इस बात से ज्यादा खुश नहीं हुए क्योंकि वे न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए किए जाने की मांग कर रहे थे।
सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3 गुना करने जा रही है। मौजूदा समय में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है और इसके तीन गुना होने के बाद न्यूनतम वेतन 21,000 रुपए हो जाएगा। दरअसल, केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को बढ़ाकर 26 हजार रुपए किया जाए।
ऐसे में अगर सरकार से बातचीत का दौर आगे बढ़ता है, तो हो सकता है कि सरकार को कर्मचारियों की मांग के आगे झुकना पड़े। हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि बढ़ा हुआ वेतन जनवरी 2018 से प्रभावी होगा, लेकिन कर्मचारियों को एरियर नहीं दिया जाएगा।
रक्षाकर्मियों के लिए सियाचिन भत्ते को भी बढ़ा दिया गया है। सैनिकों के लिए 14,000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 30,000 रुपए और अधिकारियों के लिए 21,000 रुपए से 42,500 रुपए कर दिया गया है क्योंकि वे कठोर जलवायु में बड़े जोखिम और कठिनाइयों का सामना करते हैं। 7वें वेतन आयोग के बाद केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस को भी संशोधित किया है।