भोपाल। 125 साल पुरानी कांग्रेस अब नई करवट ले रही है। भाजपा द्वारा ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को पद दिए जाने के बाद अब कांग्रेस भी इसी तर्ज पर काम करने जा रही है। मप्र कांग्रेस में केरल कांगेस का मॉडल कॉपी किया जा रहा है। माना जा रहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले लगभग हर सक्रिय कांग्रेसी नेता के पास कोई ना काई महत्वपूर्ण पद होगा। नई योजना के तहत ब्लॉकों की संख्या बढ़ेगी तो मंडलम व सेक्टर इकाइयों में नए पदाधिकारी बनाए जाएंगे। इसके लिए पीसीसी ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय ने सभी जिलों को प्रारूप भेज दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश कांग्रेस में अभी शहर व ग्रामीण कांग्रेस की 63 इकाइयां हैं, जिनमें 487 ब्लॉक काम कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक नए कॉन्सेप्ट के मुताबिक अब ब्लॉकों की संख्या हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम तीन करने का प्रस्ताव है। इस प्रकार मध्यप्रदेश में कांग्रेस के ब्लॉकों की संख्या बढ़कर 690 पहुंच जाने की संभावना है। इसी तरह नए कॉन्सेप्ट में प्रदेश कांग्रेस में केरल कांग्रेस की तरह बनाए जा रहे मंडलम 2100 तक पहुंच जाएंगे तो सेक्टर की संख्या साढ़े छह हजार तक हो सकती है।
विस्तार से कार्यकर्ताओं को मिलेंगे पद
सूत्र बताते हैं कि संगठन के विस्तार के पीछे राष्ट्रीय नेताओं का मानना है कि इससे कांग्रेस के ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को पद मिलेंगे। पिछले दिनों भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, हरदा और होशंगाबाद जिलों के कांग्रेस नेताओं की बैठक में भी यह शिकायत सामने आई थी कि सालों से काम करने के बाद भी लोगों को कोई पद नहीं मिला। प्रदेश में ब्लॉक बढ़ने तथा मंडलम व सेक्टर इकाइयों के बनने से नौ हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पद मिलेंगे।