वाशिंगटन। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा है कि पाकिस्तान के पास अब लास्ट चांस है कि वो विश्व बिरादरी के साथ मिलकर शांति के लिए काम करे। यदि उसने अब भी अपनी जमीन से आतंकवादी संगठनों का संचालन जारी रखा तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने सभी प्रकार के विकल्प खुल जाएंगे और पाकिस्तान के खिलाफ जो भी जरूरी कदम होगे, उठाए जाएंगे। जेम्स मैटिस ने भारत को दक्षिण एशिया की शक्ति बताया और उसकी सराहना की।
उन्होंने पाकिस्तान को यह भी चेतावनी दी कि अपनी जमीन से आतंकियों की पनाहगाह खत्म नहीं करने पर उसे विश्व में कूटनीतिक एकांतवास का सामना करना पड़ेगा और वह गैर नाटो सहयोगी का दर्जा खो देगा। मैटिस ने अमेरिकी संसद की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान के मामले में ये बयान दिए। सांसदों ने आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान के कार्रवाई नहीं करने को लेकर निराशा जताई। मैटिस ने कहा कि अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो अमेरिका के पास कई सारे मजबूत विकल्प हैं।
मैटिस ने कहा है कि अफगानिस्तान में अपने सैनिक न भेजने का भारत का फैसला पाकिस्तान की वजह से है क्योंकि इससे क्षेत्र में नई जटिलताएं पैदा होंगी। उन्होंने अफगानिस्तान के विकास में भारत के योगदान की सराहना की। उन्होंने समिति से कहा, 'मैंने भारतीय सैनिकों का विकल्प पाकिस्तान के लिए उत्पन्न होने वाली जटिलता की वजह से छोड़ दिया।' उन्होंने कहा कि हम इसे एक समावेशी रणनीति बनाने की कोशिश कर रहे हैं और हम उनमें ऐसी कोई भावना नहीं भरना चाहते कि वे पश्चिमी पक्ष की ओर से किसी भारतीय सैनिक को लेकर सहज नहीं हैं।
मैटिस ने दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए भारत को एक शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत अपने संबंधों को मजबूत करने की बड़ी-बड़ी बातों को व्यावहारिक सच्चाई में बदलने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने समिति को बताया कि इस संदर्भ में अभी कई चीजें चल रही हैं और जल्द ही फैसले लिए जाएंगे।