डोकलाम में अब भी डटी है चीन की सेना: एयरफोर्स चीफ ने बताया

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। 72 दिन के लंबे तनाव के बाद मोदी की सक्रियता के बाद हल हुआ डोकलाम विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आया है। एयर चीफ मार्शल बीएस. धनोआ ने बताया है कि डोकलाम एरिया की चुम्बी घाटी में चीन के सैनिक अब भी मौजूद हैं। बता दें कि विवाद का हल घोषित किए जाने के बाद इंडियन आर्मी वापस लौट आई है। एयर चीफ ने उम्मीद जताई है कि चीन की सेनाएं जल्द ही वापस लौट जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि चीनी सेना की मौजूदगी के बावजूद डोकलाम में भारत और चीन की सेना आमने-सामने नहीं हैं। 

डिप्लोमैसी से निकलेगा हल
धनोआ ने साफ किया कि चुम्बी वैली में चीन की सेना मौजूद है। उनकी एक्सरसाइज खत्म हो चुकी है और उम्मीद है कि वो जल्द ही लौट जाएगी। चुम्बी वैली दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। और ये लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी से लगा हुआ है। एयरफोर्स चीफ ने कहा- दोनों सेनाएं आमने-सामने नहीं हैं। दोनों देश इस क्षेत्र की बड़ी पॉलिटिकल और इकोनॉमिक पावर हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि समझदारी दिखाई जाएगी और इस समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाएगा। क्योंकि, यही दोनों देशों के हित में है। इसके लिए पॉलिटिकल और डिप्लोमैटिक लेवल पर कोशिशें की जानी चाहिए।

हमारी सीमा में नहीं घुसा था चीन
एयरफोर्स चीफ ने साफ कर दिया कि ढाई महीने चले डोकलाम विवाद के दौरान चीन भारत के एयर स्पेस में दाखिल नहीं हुआ था। हालांकि, उसकी एयरफोर्स तिब्बत में दो जगहों पर मौजूद है। धनोआ ने कहा- गर्मियों में चीन की एयरफोर्स तिब्बत में एक्सरसाइज करती है। यहां उनके दो एयरफील्ड हैं। जब डोकलाम विवाद चल रहा था तब भी चीन की एयरफोर्स इस इलाके में मौजूद थी। हमें लगता है कि जैसे-जैसे सर्दियां आएंगी, चीन की फोर्स वापस चली जाएगी। 

एयर चीफ मार्शल ने कहा- दोनों देशों के फाइटर जेट अपने-अपने इलाकों में उड़ान भरते हैं और अपनी सीमा में भी एलएसी से 20 किलोमीटर अंदर उड़ाते हैं। टकराव जमीन पर हुआ था, लेकिन आसमान में ऐसा कुछ नहीं हुआ। डोकलाम विवाद के दौरान हमने इंटेलिजेंस और सर्विलांस पर ही फोकस रखा। हालांकि, हम किसी भी हालात से निपटने के लिए हरदम तैयार रहते हैं।

डोकलाम विवाद क्या था?
चीन सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क बना रहा था। यह घटना जून में सामने आई थी। डोकलाम के पठार में ही चीन, सिक्किम और भूटान की सीमाएं मिलती हैं। भूटान और चीन इस इलाके पर दावा करते हैं। भारत भूटान का साथ देता है। भारत में यह इलाका डोकलाम और चीन में डोंगलाेंग कहलाता है। चीन ने 16 जून से यह सड़क बनाना शुरू की थी। भारत ने विरोध जताया तो चीन ने घुसपैठ कर दी थी। चीन ने भारत के दो बंकर तोड़ दिए लेकिन, जब भारतीय सेना ने सख्ती दिखाई तो चीन ने सड़क का काम रोक दिया। 72 दिन बाद यह विवाद अगस्त में मोदी के चीन दौरे के पहले हल हुआ। बताया गया कि दोनों सेनाएं पीछे हट गईं। 

दरअसल, सिक्किम का मई 1975 में भारत में विलय हुआ था। चीन पहले तो सिक्किम को भारत का हिस्सा मानने से इनकार करता था। लेकिन 2003 में उसने सिक्किम को भारत के राज्य का दर्जा दे दिया। हालांकि, सिक्किम के कई इलाकों को वह अपना बताता रहा है।

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