नई दिल्ली। भारतीय रेल में 10 लाख नई नौकरियों की गुंजाइश निकाली जा रही है। इसमें से 2 लाख नौकरियां अगले 12 माह मेें आ जाएंगी। यह बात रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 05 अक्टूबर 2017 को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की इकोनॉमिक समिट में कही। उन्होंने बताया कि ये सभी नौकरियां इकोसिस्टम के इस्तेमाल लाइ जाएंगी। उन्होंने दोहराया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए हम बजट की बात नहीं करेंगे। इसके लिए जितनी जरूरी हैं, उतनी नियुक्तियां की जाएंगी।
सेफ्टी के लिए फंड लिमिट नहीं
रेलवे मिनिस्टर गुरुवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की इकोनॉमिक समिट में बोल रहे थे। रेलवे में सेफ्टी मेजर्स पर गोयल ने कहा- पैसेंजर सेफ्टी हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। और इसके लिए फंड की लिमिट तय नहीं की गई है। हम इकोसिस्टम के जरिए एक साल में 10 लाख नौकरियां ला सकते हैं।
कुछ ट्रैक्स डायवर्ट किए
गोयल ने कहा- मैंने उन तमाम रेलवे ट्रैक्स को डायवर्ट किया है, जो अवेलेबल थे। सेफ्टी के लिए इन्हें बेहतर बनाया जाएगा। हम इसके लिए ग्लोबल टेंडर भी मंगाएंगे। इसके लिए ट्रैक्स की डबलिंग मुमकिन होगी और ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सकेगी। नए प्रोजेक्ट्स भी लाए जाएंगे। जब उनसे ये पूछा गया कि ग्लोबल टेंडर कब तक मंगाए जाएंगे। इस पर गोयल ने कहा- ये काम बहुत जल्दी किया जाए। सेफ्टी हमारी सबसे बड़ी प्रायोरिटी है। हमने सेफ्टी के लिहाज से ही फुट ओवर ब्रिज, प्लेटफॉर्म्स, एंट्री और एग्जिट को भी अपने प्लान में शामिल किया है। हमने सौ साल पुराना सिस्टम बदला है।
रेलवे से जुड़ी नौकरियों की गुंजाइश
रेलवे मिनिस्टर ने कहा, हो सकता है रेलवे खुद सीधे तौर पर नौकरियां ना दे पाए लेकिन इससे जुड़े इकोसिस्टम के जरिए 12 महीनों में एक लाख जॉब के मौके बनाए जा सकते हैं। सरकार सेफ्टी और मेंटेनेंस प्रोग्राम पर एग्रेसिव तरीके से काम कर रही है और इससे ही 2 लाख नौकरियां मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि पैसेंजर पर भार डाले बिना हम आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में इन्वेस्टमेंट्स की बहुत गुंजाइश है लेकिन इसके लिए माइंडसेट बदलने की जरूरत है। तभी इस देश को बदला जा सकेगा। कोल और पावर सेक्टर में ये किया जा चुका है और अब बारी रेलवे की है।