भोपाल। गुजरात के सूरत शहर मेें बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया जैन मुनि शांतिसागर और दुष्कर्म का शिकार हुई 19 वर्षीय छात्रा दोनों का ही मध्यप्रदेश से सीधा कनेक्शन है। गुना में शांतिसागर के ताऊजी रहते है। जबकि पीड़िता ग्वालियर की रहने वाली है। इस घटना के पहले तक शांतिसागर की वजह से ताऊजी के परिवार को समाज में सम्मान मिलता था। अब ताऊजी का परिवार समाज के लोगों से नजरें नहीं मिला पा रहा है।
शांतिसागर मूलत: राजस्थान के रहने वाले है। उनका मूल नाम गिर्राज शर्मा है। उनके पिता सज्जनलाल वर्मा कोटा राजस्थान में रहते थे। वो हलवाई का काम करते थे। गुना में शांतिसागर से ताऊजी रहते हैं। शांतिसागर ने अपनी सारी पढ़ाई यहीं से की है। उनके पुराने दोस्त ने बताया कि गिरराज मौज-मस्ती में जीने वाला था। खूब क्रिकेट खेलता था। पढ़ाई में एवरेज था। उनके दोस्तों का ग्रुप शहर में उन दिनों के सबसे फैशनेबल युवाओं का था। कपड़े हों या हेयर कट, नए ट्रेंड को सबसे पहले यही ग्रुप अपनाता था।
गिरराज 22 साल की उम्र में मंदसौर में जैन संतों के कॉन्टेक्ट में आए। पढ़ाई अधूरी छोड़कर वहीं दीक्षा लेकर गिरराज से शांतिसागर महाराज बन गए। संन्यासी बनने के तीन दिन पहले वह गुना आए थे। दो दिन बिताने के बाद कभी गुना नहीं लौटे। शांतिसागर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली छात्रा वडोदरा में कॉलेज पढ़ती है। पीड़िता ग्वालियर की रहने वाली है। उसके माता पिता शांतिसागर के बड़े भक्त थे।