भोपाल। मप्र कर्मचारी कांग्रेस के तत्वावधान में कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के आश्वासन देने के पश्चात भी मांगों का निराकरण न करने के विरोघस्वरूप 3 अक्टूबर को आन्दोलन के प्रथम चरण में विंध्याचल भवन पर काले गुब्बारे एंव काले झंडे लहराकर विरोध प्रदर्शन किया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संगठन के अध्यक्ष वीरेंद्र खोंगल, हीरालाल चोकसे, तय्यब अली, शोऐब सिद्धिकी, अनिल बाजपेयी आदि ने संबोधित किया।
अपने संबोधन में खोंगल ने राज्य शासन पर कर्मचारियों के साथ वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुऐ कहा कि मुख्यमंत्री द्धारा 16 अप्रैल 2013 को मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में विभिन्न संवर्गो के कर्मचारियों की 51 सूत्री लंबित मांगों पर विस्तार पूर्वक हुई चर्चा चार वर्षों के पश्चात भी मांगो के आदेश जारी न होने से कर्मचारियों को आर्थिक हानि उठानी पङ रही है। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों से मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों से चर्चा नहीं की।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता मे गठित राज्य स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की प्रत्येक तीन माह मे एक बार होने वाली बैठक सात आठ वर्षों से नही हुई है। इस कारण शासन एंव कर्मचारी संगठनों के मध्य संवाद हीनता एंव ठहराव की जो स्थिति बनी है, ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं हुई थी। उन्होंने चेतावनी दी कि न्यायोचित मांगो के शीध्र आदेश जारी नहीं किये जाऐंगे तो सरकार को विधानसभा के चुनाव मे इसका खामियाजा भुगतना पङेगा।