धनतेरस का मुहूर्त एवं खरीदी के लिए दिशा निर्देश

Bhopal Samachar
धनतेरस पर्व इस साल 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 16 अक्टूबर रात साढ़े 12 बजे आरंभ होगी जबकि 17 अक्टूबर को रात 12 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। इस वर्ष त्रयोदशी तिथि भद्रा मुक्त होगी। इस कारण पूरा दिन खरीदारी के लिए शुभ है, लेकिन 17 अक्टूबर को 11:35 बजे से 12:30 बजे तक अभिजित मुहूर्त विशेष है। इस समय में खरीदारी करना अति शुभ रहेगा। यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी धन त्रयोदशी के रूप मे मनाया जाता है तथा दिवाली के आने की शुभ सूचना है।

वाहन और जमीन खरीदना भी शुभ है
धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी के पूजन का विधान शास्त्रों में बताया गया है। कहते हैं कि इस दिन धनवंतरी वैद्य समुद्र से अमृत लेकर आए थे। इसलिए धनतेरस को धनवंतरी जयंती भी कहते है। धनवंतरी को चिकित्सकों का देवता भी कहा जाता है इसीलिए धनतेरस का दिन चिकित्सकों के लिए विशेष महत्व रखता है। धनतेरस पर्व इस साल मंगलवार को आ रहा है। मंगल को भूमि का स्वामी माना गया है जिस कारण भूमि खरीदने के लिए इस वर्ष अति शुभ धनतेरस को माना जा रहा है। इसके अलावा धनतेरस के दिन कार्तिक संक्रांति भी है और सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा इसी कारण वाहन, जमीन के लिए यह शुभ है।

चांदी खरीदने का विशेष महत्व
धनतेरस के दिन चांदी खरीदने का विशेष महत्व है। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चंद्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। इसके पास संतोष है वह स्वस्थ व सुखी है और वही सबसे बड़ा धनवान है। इस दिन घर बर्तन खरीदे जाते हैं। वहीं चांदी के बर्तन खरीदना अत्याधिक शुभ माना जाता है व वैदिक देवता यमराज का भी पूजन किया जाता है। यम के लिए आटे का दीपक बनाकर घर में देवता के द्वार पर रखा जाता है। रात को महिलाएं दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलाती हैं और पूजन करती हैं।

भगवान धनवंतरी का पूजन श्रद्धापूर्वक करें
आचार्य हेमंत शर्मा ने कहा कि पांच दिवसीय दिवाली पर्व का आरंभ धन त्रयोदशी से होता है। इस दिन सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर यमराज के निमित्त एक अन्न से भरे पात्र में दक्षिण मुख करके दीपक रखने एवं उसका पूजन करने से असामयिक मृत्यु से बचा जा सकता है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। समुद्र मंथन के समय इसी दिन धनवंतरी सभी रोगों के लिए औषधि कलश में लेकर प्रकट हुए थे। अत: इस दिन भगवान धनवंतरी का पूजन श्रद्धापूर्वक करना चाहिए जिससे दीर्घ जीवन एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है। धनतेरस के दिन अपनी शक्ति अनुसार बर्तन क्रय करके घर लाना चाहिए व उसका पूजन करके प्रथम उपयोग भगवान के लिए करने से धन-धान्य की कमी वर्ष पर्यन्त नहीं रहती है।

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