नई दिल्ली। भाजपा और 2 धड़ों में बंट गई है। एक तरफ वो हैं जिन्होंने भाजपा संगठन को खड़ा करने के लिए जीवन खर्च कर दिया और 2 सांसदों वाली पार्टी को अटल सरकार तक लेकर आए और दूसरी तरफ वो हैं जिन्होंने 2012 में एक आंधी चलाई और 2014 में सरकार बना ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता अब खुलकर सामने आ रहे हैं। बीते रोज अटल सरकार के वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को लताड़ लगाई थी। आज अरुण शौरी ने मोदी सरकार को 'ढाई व्यक्तियों वाली सरकार' और नोटबंदी को आत्महत्या जैसा साहसिक कदम बताया।
शौरी ने मोदी सरकार को 'ढाई व्यक्तियों वाली सरकार' बताया। उन्होंने कटाक्ष किया कि एक रात प्रधानमंत्री को इलहाम [ आकाशवाणी ] हुई कि नोटबंदी किया जाए और उन्होंने ऐसा कर दिया। शौरी ने कहा- 'एक तरह से यह साहसिक कदम था। मैं याद दिलाना चाहता हूं कि आत्महत्या भी एक साहसिक कदम है। एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि नोटबंदी के समर्थन में दी गई कौन-सी दलील तर्क आज टिक रही है। सारा कालाधन सफेद हो गया।
इससे पहले अटल सरकार के वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया था। उन्होंने मुख्य रूप से अरुण जेटली को टारगेट करते हुए कहा था कि जेटली के कारण देश की अर्थव्यवस्था इस हाल में आ पहुंची है। मोदी सरकार की ओर से यशवंत सिन्हा के लेख पर कोई तर्क प्रस्तुत नहीं किया गया, अलबत्ता जेटली ने एक बेतुका बयान जरूर दिया था कि 'सिन्हा 80 की उम्र में भी नौकरी का आवेदन करना चाहते हैं।' सिन्हा ने उन्हे झन्नाटेदार जवाब भी दे दिया था।