जबलपुर। कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय वेतन पुनर्निधारण कर उपादान से वसूली नहीं की जा सकती। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। साथ ही मप्र शासन को निर्देशित किया है कि कर्मचारी से की गई वसूली की रकम को 6 प्रतिशत ब्याज सहित वापस लौटाया जाए। बता दें कि ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं परंतु रिटायर होने के बाद कर्मचारी वसूली को अन्यायपूर्ण मानते हुए भी सहन कर लेता है परंतु याचिकाकर्ता रविनाथ पाण्डेय ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और हाईकोर्ट की शरण ली।
सतना जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सेवानिवृत्त, पुलिस निरीक्षक, श्री रविनाथ पाण्डेय के उपादान से सेवानिवृत्ति के पश्चात 12% ब्याज सहित वसूले गए 1,32,206 रुपये हाई कोर्ट, जबलपुर ने 6%, ब्याज सहित लौटाने ने आदेश विभाग को दिए हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी द्वारा जानकारी दी गई कि श्री रविनाथ पांडेय रिटायरमेंट के समय तक 2800 रुपये ग्रेड पे प्राप्त कर रहे थे, परंतु विभाग द्वारा उक्त लाभ को त्रुटिपूर्ण बताकर उनको 2400 रुपये का ग्रेड पे का पात्र बताया गया। परिणामस्वरूप रिटायरमेंट के समय वेतन पुनर्निधारण कर उपादान से 1,32,206 रुपये वसूली कर ली गई थी।
रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर, द्वारा वित्त विभाग एवं अन्य के विरुद्ध हाई कोर्ट जबलपुर के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई थी। श्री अमित चतुर्वेदी, अधिवक्ता, द्वारा बताया गया है कि न्यायालय द्वारा माना गया कि त्रुटिपूर्ण लाभ प्रदाय में कर्मचारी की कोई गलती नही थी। अतः इडेमनिटी बांड के आधार पर रिटायरमेंट के बाद उपदान से वसूली की अनुमति नही दी जा सकती है। अतः याचिकाकर्ता को 6% ब्याज सहित वसूली गई राशि 3 माह के अंदर वापस की जाए।