नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण के मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई। इससे पहले 10 अक्टूबर, 2 फरवरी और 21 फरवरी को भी सुनवाई टली थी। इसी साल 25 जनवरी को सुनवाई होनी थी। लेकिन अभी तक नहीं हो सकी है। सरकार के वकील हरीश साल्वे सुप्रीम कोर्ट में नहीं पहुंचे थे, जिसकी वजह से सुनवाई टल गई थी। कल भी इस मसले पर सुनवाई टल गई थी। इससे पहले भी दो बार पदोन्नति में आरक्षण पर सुनवाई टली थी।
गौरतलब है कि 2002 में तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण को लागू किया था। जो वर्तमान शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने भी लागू कर रखा है। लेकिन इस फैसले को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले को निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले को अब मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
बता दें कि शिवराज सिंह सरकार की इस अपील के कारण मध्यप्रदेश में होने वाले सभी प्रकार के प्रमोशन अटके हुए हैं। हालात यह हैं कि अब तक करीब 1 लाख कर्मचारी बिना प्रमोशन के या तो रिटायर हो गए हैं या फिर इस साल में रिटायर होने वाले हैं। यह सबकुछ केवल इसलिए क्योंकि मामले में शिवराज सिंह सरकार पार्टी है। यदि यही याचिका अजाक्स की ओर से लगाई गई होती तो सुनवाई भी चलती रहती और सरकारी कामकाज भी।