जबलपुर। मूलत: छिंदवाड़ा का रहने वाला मप्र पुलिस का आरक्षक विक्रम जांगड़े उम्र 27 वर्ष सबको माफ करके दीपावली के एन पहले फांसी पर झूल गया। उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा है परंतु नोट में उसने किसी भी व्यक्ति को अपनी मौत का जिम्मेदार नहीं बताया। उसने सबसे माफी मांगी और अपनी तरफ से उन लोगों को भी माफ कर दिया जिन्होंने उसकी जिंदगी को तनावपूर्ण बना दिया था। अब पुलिस मामले की बरीकी से जांच कर रही है। शायद उसकी जिंदगी में कुछ ऐसा भी था जो उसके दोस्त और परिवारजनों को पता ही नहीं था।
पुलिस लाइन क्वार्टर में रहने वाला 27 वर्षीय आरक्षक विक्रम जांगड़े ने मंगलवार की दोपहर फांसी लगाई। अपने सुसाइड नोट में उसने लिखा कि किसी को भी व्यर्थ परेशान नहीं किया जाए। न ही किसी के साथ मेरा नाम जोड़ा जाए। छोटे भाई छोटू, अम्मा और गुड़िया का ख्याल रखना। अम्मा को हो सके तो रुक कर बताना। पापा सबको संभालना, मैं जा रहा हूं। मोहल्ले वालों का त्यौहार खराब कर रहा हूं। माफी चाहता हूं।
मैं अपनी जिन्दगी की परेशानियों से हारकर अपनी जान दे रहा हूं। कोई व्यक्ति मेरी मौत का जिम्मेदार नहीं है। दोस्तों ने भी हमेशा बहुत मदद की है, उनसे भी माफी चाहता हूं। सर्विस रिकॉर्ड में नॉमिनी का नाम बदलकर मेरे छोटे भाई का कर दिया जाए। पैसे और गहने ड्राज में रखे हैं।
आरक्षक सिविल लाइन्स थाने में पदस्थ था। पुलिस के अनुसार, छिंदवाड़ा जिला निवासी आरक्षक विक्रम जांगड़े सिविल लाइन्स थाने में पदस्थ था। वह पुलिस लाइन क्वार्टर में अकेले रहता था। मंगलवार सुबह वह पुलिस की जनरल परेड में शामिल हुआ था। परेड के बाद विक्रम थाने अपनी ड्यूटी पर गया था।
दोपहर में वह घर लौटकर आया था। विक्रम का खाना सामने रहने वाले आरक्षक दिनेश उइके के घर पर बनता था। दोपहर 3.30 बजे तक जब विक्रम खाना खाने नहीं आया तो दिनेश उसे बुलाने के लिए आया। कई बार आवाज लगाने के बाद विक्रम ने दरवाजा नहीं खोला। दिनेश ने जब धक्का देकर दरवाजा खोला तो विक्रम फंदे पर झूल रहा था। दिनेश ने घटना की सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी।
अविवाहित था आरक्षक विक्रम
आरक्षक विक्रम वर्ष 2011 में पुलिस में भर्ती हुआ था। वह वर्तमान में एसआई की परीक्षा की तैयारी कर रहा था। उसका विवाह नहीं हुआ था। बताया जा रहा है कि विक्रम एसआई बनने के बाद शादी करना चाहता था।
मामले की बारीकी से जांच होगी
पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला ने कहा कि आरक्षक की आत्महत्या के मामले की बारीकी से जांच की जाएगी। आरक्षक के परिजनों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आरक्षक के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति देने पर भी विचार किया जाएगा।
SP ने सामने कराई एफएसएल जांच
घटना की सूचना मिलते ही एसपी शशिकांत शुक्ला, एएसपी जीपी पाराशर, सीएसपी अजीम खान, आरआई दिलीप परिहार और टीआई अरविंद जैन मौके पर पहुंच गई। एसपी ने एफएसएल और फिंगर प्रिंट की टीम को भी बुला लिया।
मौके पर आरक्षक का शव पंखे पर झूलता मिला। शव के नीचे एक प्लास्टिक की कुर्सी और स्टूल गिरे हुए मिले। मौके की तलाशी लेने पर एक सुसाइड नोट मिला। एफएसएल और फिंगर प्रिंट की टीम ने मौके से अनेक साक्ष्य एकत्रित किए।