नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार और लेफ्टिनेंट गवर्नर यानी एलजी के बीच गेस्ट टीचर्स को रेगुलर करने के मुद्दे पर टकराव बढ़ता जा रहा है। बुधवार को दो दिन के असेंबली सेशन में टीचर्स को रेगुलर करने के मुद्दे पर बहस हुई। इस दौरान केजरीवाल ने एलजी द्वारा सरकार के प्रपोजल को हरी झंडी ना दिखाए जाने पर कहा- दिल्ली के मालिक हम हैं। ब्यूरोक्रेसी नहीं। मैं चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं, कोई आतंकवादी नहीं। बता दें कि दिल्ली सरकार इन गेस्ट टीचर्स को स्थायी यानी रेगुलर करना चाहती है। लेकिन, एलजी का कहना है कि दिल्ली सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है।
15 हजार हैं गेस्ट टीचर्स
बुधवार को दिल्ली असेंबली का दो दिन का सेशन शुरू हुआ। इसमें 15 हजार गेस्ट टीचर्स को रेगुलर करने का बिल पेश किया गया। ये दिल्ली के स्कूलों में हैं। बहस में हिस्सा लेते हुए केजरीवाल ने एलजी और बीजेपी पर तंज कसे। केजरीवाल पहले भी कई बार आरोप लगा चुके हैं कि केंद्र सरकार उन्हें एलजी के जरिए काम करने से रोकती है। केजरीवाल के बयान के बाद अपोजिशन ने वॉक आउट कर दिया। बहस के दौरान केजरीवाल ने कहा- हम दिल्ली के मालिक हैं। ब्यूरोक्रेसी नहीं। बिल को असेंबली ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
विवाद की जड़ क्या?
दिल्ली सरकार दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाने वाले 15 हजार गेस्ट टीचर्स को रेगुलर करना चाहती है। एलजी के पास जब इसकी फाइल भेजी गई तो उन्होंने कहा कि संविधान के तहत दिल्ली सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है। यानी वो टीचर्स को रेगुलर नहीं कर सकती। केजरीवाल ने असेंबली में कहा कि एलजी इन फाइल्स को डिप्टी सीएम और एजुकेशन मिनिस्टर मनीष सिसौदिया को भी नहीं दिखाते। उनका सवाल था कि आखिर इन फाइल्स में ऐसा क्या सीक्रेट है, जो छुपाया जा रहा है। केजरीवाल के मुताबिक, ब्यूरोक्रेट्स एलजी के कहने पर इन फाइलों को छुपा रहे हैं।
देश डेमोक्रेसी से चलता है ब्यूरोक्रेसी से नहीं
असेंबली में केजरीवाल ने कहा- मैं एलजी से कहना चाहता हूं कि मैं दिल्ली का एक इलेक्टेड सीएम हूं, कोई आतंकवादी नही। मनीष भी इलेक्टेड एजुकेशन मिनिस्टर हैं, आतंकी नहीं। अरविंद केजरीवाल बहुत दिन बाद इस अंदाज में नजर आए। कई दिनों से उनके सियासी बयान नहीं आ रहे थे। एलजी ने सरकार से कहा था कि वो इस मुद्दे पर कानून मंत्रालय से बात करें। केजरीवाल ने इस पर भी तंज कसा। कहा- जनता सेक्रेटरी नहीं चुनती। हमें चुनती है। देश डेमोक्रेसी से चलता है- ब्यूरोक्रेसी से नहीं। हम मालिक हैं। ब्यूरोक्रेसी को हमारी बात माननी पड़ेगी।
कानूनी सलाह के बाद ही बिल तैयार किया है
दिल्ली के एजुकेशन मिनिस्टर और डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने कहा कि कानूनी सलाह के बाद ही ये बिल तैयार किया गया है। एलजी को क्या दिक्कत है। सिसौदिया ने कहा- हम एलजी से सहमत नहीं हैं कि ये बिल सर्विसेज के अंडर आता है। एजुकेशन का मतलब सिर्फ स्कूल बनाना नहीं है। बहस के दौरान अपोजिशन लीडर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार का मकसद गेस्ट टीचर्स को रेगुलर करना नहीं है, वो सिर्फ इस मुद्दे पर सियासत करना चाहती है। उसने बिल पेश करने से पहले प्रोसीजर को फॉलो नहीं किया।