
उनका टिकट वेटिंग में है। उन्हें वीआईपी कोटे में बर्थ उपलब्ध कराई जाए। प्रियंका के लिए चार बर्थ उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए, जबकि इसी ट्रेन में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति ने भी एसी फर्स्ट में चार बर्थ वीआईपी कोटे में मांगी थी। मंडल रेल प्रशासन के पास एसी फर्स्ट में चार बर्थ ही वीआईपी कोटे में हैं। रेलवे के नियमानुसार न्यायमूर्ति को सबसे पहले वीआईपी कोटे में बर्थ उपलब्ध कराई जाती है।
दिल्ली तक के रेल अधिकारी बिना नियम तोड़े मामले को निपटने के प्रयास में जुट गए। बोर्ड के अधिकारी भी मामले को नहीं सुलझा पाए। आखिर में प्रियंका गांधी को समझाकर एसी सेकंड में वीआईपी कोटे में बर्थ उपलब्ध कराई गई। इसके बाद वह नई दिल्ली के लिए रवाना हुई।
अपर मंडल रेल प्रबंधक संजीव मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति को वरीयता देने के कारण प्रियंका को एसी फर्स्ट में बर्थ नहीं मिल पाई। इसके स्थान पर एसी सेकंड में बर्थ उपलब्ध कराई गई।