भोपाल। दिवाली के दिन शहर के दो अलग-अलग क्षेत्रों में दो युवाओं ने फांसी लगा ली। इनमें से एक मामले में बेटे ने पिता से एक्टिवा की किस्त जमा करने को पैसे मांगे थे। पिता ने दिवाली का हवाला देते हुए इसके लिए मजबूरी जता दी थी। इससे खफा होकर उसने एक्टिवा की सीट पर खड़े होकर अपने पुराने मकान में फांसी लगा ली। हालांकि दोनों ही मामलों में पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
स्टेशन बजरिया पुलिस के मुताबिक शुभम पुत्र संतोष मालवीय शंकराचार्य नगर में रहता था। दसवी तक पढ़ा शुभम कोई काम काज नहीं करता था। उसने लोन लेकर एक्टिवा स्कूटर खरीदी थी। लेकिन इस माह वह उसकी किस्त जमा नहीं कर पा रहा था। बुधवार को उसने अपने पिता से एक्टिवा की किस्त जमा करने के लिए रुपए मांगे थे। लेकिन पिता ने कहा कि एक दिन बाद दिवाली है। अगले माह दो किस्त एक साथ जमा कर देंगे।
लेकिन पिता की बात न मानने पर दोनों के बीच नोकझोंक हो गई थी। इसके बाद शुभम एक्टिवा लेकर बस्ती में ही खाली पड़े अपने पुराने मकान पर चला गया था। गुरुवार सुबह कुछ लोगों ने शुभम को फांसी पर लटका देख पुलिस को सूचना दी। उसने एक्टिवा की सीट पर चढ़कर मकान के शेड में लगे लोहे के एंगल से रस्सी बांधकर फांसी लगा ली थी। हालांकि पुलिस को उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
शुभम परिवार का इकलौता बेटा था। उसके पिता नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। उधर गोविंदपुरा थानांतर्गत 258,विकास नगर निवासी सूरज दुबे पुत्र संतोष दुबे का शव सुबह करीब 5:30 बजे घर में फांसी पर लटका मिला।
सूरज एक ट्रेवल्स एजेंसी में काम करता था। उसके पिता ट्रेवल्स एजेंसी में ड्रायवर है। वह परिवार का इकलौता बेटा था। उससे छोटी चार बहने हैं। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने जांच के लिए सूरज का मोबाइल फोन लिया है। उसकी कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस खुदकुशी की वजह पता करने की कोशिश करेगी। अभी इन प्रकरणों में परिजनों के विस्तृत बयान भी नहीं लिए जा सके हैं।