मुंबई। देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के मालिक सुनील मित्तल ने बड़े ही संतुलित शब्दों में वित्तमंत्री को मोदी सरकार की खामियां गिना दीं। उन्होंने खुलकर बताया कि भारत देश में कारोबार करना कितना मुश्किल है और नौकरशाही से कारोबारियों को किस तरह जूझना पड़ता है। वह भी तब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि देश आर्थिक रूप से तरक्की करे। मित्तल इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा आयोजित एक अवार्ड कार्यक्रम में सामूहिक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। समारोह में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी उपस्थित थे और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
मित्तल ने कहा कि कारोबार आसान किया जाना अब भी मुख्य चुनौती बना हुआ है। मैं जानता हूं कि सरकार इस पर ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हमारा रैंक सुधरे। घाना में एक विलय की मंजूरी महज तीन दिन में मिल जाने की बात का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वह कैसे हैरान हो गये थे। उन्होंने आगे कहा कि हम तीन दिन नहीं कर सकते, लेकिन 30 दिन या 60 दिन तो कर ही सकते हैं। हमें सच में ऐसी रुपरेखा की जरूरत है।
मित्तल ने किसी पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी का अपनी प्रवर्तक कंपनी में विलय के बारे में कहा कि देश में आवश्यक मंजूरियां मिलने में पांच महीने तक लग जाते हैं। समाधान सुझाते हुए उन्होंने कहा कि एक मंत्रिस्तरीय समिति होनी चाहिए, जो उद्योग जगत के सुझावों पर ध्यान दे और उन्हें अमल में लाये। उन्होंने बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने की सरकार की योजना की सराहना की। इससे बैंकों को राहत मिलेगी।
उन्होंने चालू वित्त वर्ष में निवेश दो गुना करने का हवाला देते हुए संकेत दिया कि अगले तीन साल की अवधि में कंपनी 75 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी। विश्व बैंक द्वारा कारोबार की आसानी के आधार पर तैयार रिपोर्ट में 190 देशों में भारत को 130वें स्थान पर रखा गया है।