भोपाल। अपनी रियासत को पाकिस्तान में शामिल करने के लिए बेताब रहे भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खां की करीब 5000 करोड़ की संपत्ति का विवाद उलझता जा रहा है। अब पाकिस्तान से एक व्यक्ति ने खुद को नवाब का वारिस घोषित किया है। उसने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए अपने हिस्से की मांग की है। उसका कहना है कि वो भी संपत्ति का हिस्सेदार है। उसे भी उसका हक चाहिए।
भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खां की संपत्ति शुरू से ही विवादों में घिरी रही है। शत्रु संपत्ति की जद में आने की वजह से शर्मिला टैगोर और सैफ अली खान इसे लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं, अब पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले आरिफ मिर्जा ने भी प्रॉपर्टी पर अपना अधिकार जताया है। उन्होंने बकायदा जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है। आरिफ मिर्जा का दावा है कि उनकी मां भोपाल के पूर्व नवाब हमीदुल्लाह खान की बेटी की छोटी बेटी थीं। उनकी नानी राबिया सुल्तान का जन्म और मृत्यु भोपाल में ही हुई। इस आधार पर उन्होंने पुश्तैनी सम्पत्ति में अपनी हिस्सेदारी जताई है।
मंसूर अली खान पटौदी की मां साजिदा सुल्तान भी भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की बेटी थीं। मंसूर अली खान का जन्म भोपाल में हुआ था। सैफ अली खान ने अपनी मां के उत्तराधिकारी के तौर पर भोपाल के नवाब परिवार का जिम्मा संभाला था। भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्लाह खां की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान चली गई थीं।आबिदा के पाकिस्तान जाने पर उनकी छोटी बहन साजिदा संपत्ति की हकदार बनी थीं। नवाब मंसूर अली खान पटौदी यानी सैफ अली खान के पिता साजिदा के बेटे थे।
वहीं, आरिफ मिर्जा का दावा है कि उनका जन्म नागपुर में हुआ और उन्होंने शिक्षा भी भारत में ही हासिल की थी। वे अपनी मां के साथ पाकिस्तान चले गए थे और वीजा संबंधी दिक्कतों के चलते भारत लौटकर नहीं आ सके थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरिफ मिर्जा के दावे को शर्मिला टैगोर और सैफ अली खान की तरफ से अदालत में चुनौती दी गई है। जवाब दावे में सैफ अली खान की तरफ से कहा गया है कि उनकी नानी साजिदा सुल्तान ही नवाब हमीदुल्ला खान पटौदी की इकलौती वारिस थीं।
शत्रु संपत्ति में उलझा मामला
नवाब हमीदुल्लाह खां की बड़ी बेटी आबिदा के पाकिस्तान जाने की वजह से सरकार ने भोपाल नवाब की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति माना है। वहीं, साजिदा के निधन के बाद भोपाल रियासत की कमान उनके बेटे और क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी को सौंप दी गई। इसी के नाते सैफ अली खान को इस संपत्ति का हकदार माना जाता है। वह इसे लेकर कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं।