भोपाल। टीकमगढ़ देहात थाने में किसानों को कपड़े उतारकर पीटने के मामले में भाजपा की सभी दलीलें बेकार साबित हुईं। प्राथमिक जांच में पुलिस को दोषी पाया गया है। पिटने वाले भी किसान ही थे। भाजपा ने भले ही बेतुकी दलीलें देकर कांग्रेस का मुंह बंद करा दिया हो परंतु किसान अब भी नाराज हैं और किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने देहात थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर और थानेदार को जिले से बाहर भेजने के आदेश दिए हैं। साथ ही इस मामले में अब विभागीय जांच शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि 10 दिन पहले टीकमगढ़ जिले में कांग्रेस के 'खेत बचाओ किसान बचाओ' आंदोलन के दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया था। वहीं किसानों को हिरासत में लेकर कर थाने में उनके कपड़े उतरवाकर जमकर पिटाई की गयी थी। इस मामले को लेकर सियासत भी खूब हुई थी और विपक्ष के विरोध के बाद गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे।
घटना की जांच के बाद आज गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने का एलान किया है। गृहमंत्री ने देहात थाना प्रभारी आरपी चौधरी को जिले से बाहर भेज दिया है और बाकी स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया है। साथ ही पूरे स्टाफ के खिलाफ विभागीय जांच भी तय की गयी है।
इससे पहले मध्यप्रदेश के मंदसौर में कर्जमुक्ति की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस ने बिना दण्डाधिकारी अनुमति के गोली चालान कर दिया था। घटना के तत्काल बाद आए बयानों में कलेक्टर और एसपी को इसके बारे में जानकारी ही नहीं थी। भाजपा ने इस घटना में मारे गए किसानों को तस्कर करार दिया था।