नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात में एक जनसभा में अजीबोगरीब बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू भी बीजेपी से कांपते थे। बस यहीं से बात बदल गई। सोशल मीडिया पर उन्हे जमकर ट्रोल किया जा रहा है। लोग यहां तक कह रहे कि 'विकास बदतमीज हो गया।' बता दें कि नेहरू का निधन 1964 में हो गया था जबकि भाजपा का गठन उनकी मृत्यु के 16 साल बाद 1980 में हुआ। यह सवाल है कि जब भाजपा का गठन ही नहीं हुआ तो नेहरू उससे कैसे कांप सकते हैं।
एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व को विकास एवं गुजरात विरोधी करार देते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा के लिये चुनाव ‘विकासवाद की जंग है, कांग्रेस के लिये वंशवाद की जंग है और मुझे पूरा विश्वास है कि गुजरात में विकासवाद जीतने वाला है और वंशवाद हारने वाला है। उनके भाषण में पं. नेहरू को बीजेपी से डरा हुआ बताने पर ट्विटर पर जमकर उन्हें ट्रोल किया गया। कई ट्विटर यूजर्स ने बदतमीज विकास के नाम से ट्विटर पर ट्वीट किए। कई यूजर्स ने लिखा कि पं. नेहरू 1964 में चल बसे थे और बीजेपी 1980 में बनी तो ये बात कहने से पहले पीएम मोदी को अपनी पार्टी का इतिहास पढ़ लेना चाहिए।
इसके अलावा अपने भाषण में पाटीदार आंदोलन के बाद पटेल समुदाय के एक वर्ग की नाराजगी को समझते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल के साथ इस पार्टी ने, इस परिवार ने किस तरह का व्यवहार किया, इतिहास इसका गवाह है। मैं इसे दोहरना नहीं चाहता। सरदार पटेल की पुत्री मणिबेन और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ किस प्रकार का व्यवहार इस पार्टी ने किया, यह सभी के सामने है। इनको हर प्रकार से नेस्तनाबूद करने का काम किया। गुजरात उनको (कांग्रेस और उसके नेतृत्व) पसंद ही नहीं था। उसने बाबू भाई पटेल के नेतृत्व वाली सरकार को तोड़ने का काम किया।