चंडीगढ़। गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया करीब 2 लाख वोट से हार गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ ने उन्हे पराजित किया। यह सीट विनोद खन्ना के निधन के कारण खाली हो गई थी। 8 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था। गुरदासपुर की हार से अब बीजेपी के पास लोकसभा में 281 सीटें रह गई हैं। जाखड़ को 4 लाख 99 हजार 752, वहीं सलारिया को 3 लाख 6 हजार 533 वोट मिले। बताया जा रहा है कि 2014 के चुनाव के बाद ही सलारिया को अगला प्रत्याशी घोषित कर दिया गया था। वो लंबे समय से चुनाव की तैयारियां कर रहे थे।
आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट मेजर जनरल (रिटा.) सुरेश खजूरिया को महज 23 हजार 579 वोट मिले। जाखड़ ने कहा, मैं गुरदासपुर का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने पार्टी पर भरोसा जताया है। लोगों का कांग्रेस को जिताना मोदी सरकार की नीतियों को जवाब है। जीत बताती है कि लोगों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के एडमिनिस्ट्रेशन पर भरोसा जताया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, "हमने सोनियाजी, राहुलजी को लाल रिबन से पैक कर जीत का गिफ्ट भेज दिया है। पंजे के थप्पड़ की गूंज दिल्ली तक सुनाई देगी।
सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि ये विकास के एजेंडे की जीत है। जाखड़ साहब की जीत काबिलियत की जीत है। वो संसद में बोलेंगे तो सोनियाजी, राहुलजी, कैप्टन साहब (अमरिंदर सिंह) का नाम ऊंचा होगा। जाखड़ साहब की जीत से जीजा-साले (प्रकाश सिंह बादल और विक्रम सिंह मजीठिया) को सबक मिला। 2009 में गुरदासपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने जीती थी। बाजवा ने विनोद खन्ना को हराया था।
11 अक्टूबर को था चुनाव
गुरदासपुर उपचुनाव में 11 अक्टूबर को वोट डाले गए थे। इसमें 15.22 लाख मतदाताओं में से 56% लोगों ने वोटिंग की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर में 70% वोटिंग हुई थी। अप्रैल में विनोद खन्ना के निधन के बाद ये लोकसभा सीट खाली हुई थी।
बीजेपी से 4 बार सांसद रहे थे विनोद
विनोद खन्ना बीजेपी के टिकट पर यहां से 4 बार (1998, 1999, 2004 और 2014) सांसद रहे थे। कुछ दिन पहले कांग्रेस कैंडिडेट जाखड़ ने उपचुनाव को मोदी सरकार का टेस्ट करार दिया था। गुरदासपुर संसदीय सीट में 9 विधानसभा क्षेत्र भोआ, पठानकोट, गुरदासपुर, दीनानगर, कादियां, फतेहगढ़ चूड़ियां, डेरा बाबा नानक, सुजानपुर और बटाला हैं।