नहीं-नहीं, किसानों के कपड़े तो पुलिस ने ही उतरवाए थे: BJP विधायक का यूटर्न

Bhopal Samachar
भोपाल। भाजपा विधायक केके श्रीवास्तव टीकमगढ़ किसान कांड के प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए भोपाल तो आ गए परंतु बयान उन्होंने टीकमगढ़ स्टाइल में दे दिया। कहा टीकमगढ़ में किसानों के कपड़े पुलिस ने नहीं कांग्रेसियों ने उतरवाए थे। ये उनका विवाद को बढ़ाने वाला षडयंत्र था लेकिन जैसे ही भोपाल के पत्रकारों ने सवालों का घेराव किया तो विधायक महोदय बचकर निकलते नजर आए। फटाक से उन्होंने यूटर्न लिया और बोले 'पुलिस ने लॉकअप में कपड़े इसलिए उतरवाए कि कोई किसान आत्महत्या न कर ले।'

बता दें कि इस मामले में भाजपा लगातार पुलिस का बचाव करने की कोशिश कर रही है। इस कोशिश में वो खुद ही फंसती चली जा रही है। पहले गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा था कि पुलिस ने जिन्हे पकड़ा वो किसान नहीं कांग्रेसी थे। जब फोटो वायरल हुए तो उन्हे बयान बदलना पड़ा। आज टीकमगढ़ से विशेष रूप से भोपाल बुलाए गए भाजपा विधायक केके श्रीवास्तव ने भी दोहराया कि जो पकड़े गए थे वो कांग्रेसी थे, किसान नहीं थे और कांग्रेस नेताओं के कहने पर उन्होंने खुद कपड़े उतारे। श्रीवास्तव ने यह भी दावा किया कि कांग्रेसी नेताओं ने मामले को तूल देने के लिए कपड़े उतारे। यह उनका पूर्व नियोजित षडयंत्र था। 

विधायक के इस जवाब के बाद मीडिया ने उनसे दोबारा पूछा कि, 'पुलिस ऐसे ही उन्हें लॉकअप के अंदर लेकर गई और वे सारे कांग्रेसी थे?' इस पर बात संभालते हुए श्रीवास्तव ने कहा, लॉकअप में कपड़े इसलिए उतरवाए कि कोई किसान आत्महत्या न कर ले। जहां तक किसान के होने का प्रश्न है तो उनमें कुछ किसान भी हो सकते हैं। 
कुल मिलाकर कांग्रेस के छक्के छुड़ाने के लिए टीकमगढ़ से भोपाल आए विधायक केके श्रीवास्तव रन आउट होकर चले गए। बता दें कि इस मामले में भाजपा नेता कुछ इस तरह से बयान दे रहे हैं मानो वो ही टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक हों और उन्ही के आदेश पर सारी कार्रवाई हुई है। सीएम ने डीजीपी को खुद जांच करने के आदेश दिए हैं। जांच अभी पूरी नहीं हुई है परंतु भाजपा नेता इससे पहले ही फैसले सुना रहे हैं। 

यह था मामला..
गौरतलब है कि जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए मंगलवार को किसानों ने कांग्रेस के साथ आंदोलन किया। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की मांग कर रहे किसानों की पुलिस से झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले छोड़े। कुछ देर बाद आंदोलन से वापस लौट रहे किसानों से भरी दो ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिस ने रोक लीं उन्हें देहात थाने ले गए। दुनातर से आए किसान रतिराम ने बताया कि हम लोग प्रदर्शन से गांव लौट रहे थे, तभी पुलिस ने रोक लिया और थाने में कपड़े उतरवाने के बाद जमकर पीटा। करीब एक घंटे बाद पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह ने समर्थकों के साथ थाने जाकर किसानों को छुड़ाया।

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